Last Updated: Thursday, December 5, 2013, 15:02
ज़ी मीडिया ब्यूरोनई दिल्ली: अब दूध में मिलावट करना भारी पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को राज्य सरकारों को कहा कि वे अपने यहां के मौजूदा कानूनों में आवश्यक बदलाव कर मिलावटी दूध की बिक्री और उसके निर्माण पर सजा को उम्रकैद में बदलें।
जस्टिस केएस राधाकृष्णन और जस्टिस एके सीकरी की बेंच ने एक जनहित याचिका की सुनवाई में यह आदेश दिया। बेंच ने उत्तर प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में हो रही मिलावटी दूध की बिक्री को ध्यान में लेते हुए यह आदेश दिया। इन राज्यों में भारी मात्रा में कृत्रिम पदार्थों से दूध बनाया जा रहा है।
हानिकारक कृत्रिम दूध के निर्माण और उसकी बिक्री पर रोक लगाने के लिए कानून को और कड़ा करने के लिए कहते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फूड सेफ्टी एंड स्टेंडर्ड एक्ट के तहत इस अपराध के लिए मिलने वाली अधिकतम 6 महीने की सजा नाकाफी है।
गौर हो कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने अपनी रिपोर्ट में 68.4 प्रतिशत दूध मिलावटी होने की बात कही थी। इसके बावजूद राज्यों ने अपने जवाब में मिलावट नहीं होने का हवाला दिया था।
First Published: Thursday, December 5, 2013, 15:02