मंगल अभियान में आगे और भी हैं चुनौतियां

मंगल अभियान में आगे और भी हैं चुनौतियां

बेंगलुरू : मार्स आर्बिटर मिशन (एमओएम) का मंगलवार को हुआ सफल प्रक्षेपण देश के पहले अंतर ग्रह अभियान की कहानी का एक महज एक हिस्सा है। अंतरिक्ष अभियान का दायरा काफी लम्बा और जटिल है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अब दो तिथियों पर ध्यान केंद्रित किये हुए है, पहली 1 दिसंबर जब एमओएम अंतरिक्ष यान पृथ्वी के प्रभाव से बाहर चला जायेगा और दूसरी अगले वर्ष 24 सितंबर जब वह मंगल की कक्षा में प्रवेश कर जायेगा।

आज प्रक्षेपित अंतरिक्ष यान 25 दिन तक पृथ्वी के इर्द गिर्द चक्कर लगायेगा और इसके इसरो की योजना के अनुरूप एक दिसंबर को मध्यरात्रि में 12 बजकर 42 मिनट पर परा.मंगल अंत:प्रक्षेपण किया जायेगा जहां से वह लाल ग्रह की लम्बी यात्रा पर आगे बढ़ेगा।

इसरो के अधिकारी ने कहा, ‘‘अंत:प्रक्षेपण विधिपूर्वक किया जाना चाहिए क्योंकि इसमें अनुमान लगाया जायेगा कि 24 सितंबर 2014 को उपग्रह की स्थिति क्या होगी..जो मंगल पर निश्चित कक्षा (366 किलोमीटर गुणा 80 हजार किलोमीटर) से 50 किलोमीटर इधर, उधर हो सकता है।’’

जीएसएलवी तीन चरणों वाला यान है। जीएसएलवी 49 मीटर ऊंचा, उड़ान के लिए 414 टन भार का है। पहले चरण में एस125 ठोस बूस्टर के साथ चार द्रव युक्त पट्टी (एल40) संलग्न होती है। दूसरे चरण (जीएस2) में द्रव इंजन और तीसरा (जीएस3) क्रायोजेनिक चरण है।

पीएसएलवी में द्रव चरण की तुलना में क्रायोजेनिक चरण अधिक प्रभावी होता है। इसका अर्थ यह है कि क्रायोजेनिक इंजन में प्रति किलोग्राम प्रणोदक जलने से अधिक गति पैदा होती है, इसलिए अधिक भार के बड़े पेलोड को कक्षा में स्थापित कर सकता है।

इसरो के अधिकारी ने कहा, ‘‘अंतिम चरण के रूप में क्रायोजेनिक चरण अधिक पेलोड क्षमता को प्रक्षेपित करने की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।’’ पीएसएलपी 620 किलोमीटर सूर्य स्थतिक ध्रुवीय कक्षा में 1600 किलोग्राम तक के उपग्रह और 1050 किलोग्राम के उपग्रह को भू स्थतिक हस्तांतरण कक्षा (जीटीओ) में प्रक्षेपित करने में सक्षम है।

‘‘इस तरह से अधिक भार के संचार उपग्रह को प्रक्षेपित करने में इसकी सीमाएं हैं। जीएलएलवी 2000 से 2500 किलोग्राम के उपग्रह को जीसैट संचार उपग्रह के साथ प्रक्षेपित करने में सक्षम है।’’ अभी भारत को भारी उपग्रह विदेशों में दूसरे स्थान से प्रक्षेपित कराना पड़ता है जो महंगा पड़ता है। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, November 5, 2013, 19:25

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