मनमोहन की चीन यात्रा में शीर्ष पर रहेगा सीमा मुद्दा

मनमोहन की चीन यात्रा में शीर्ष पर रहेगा सीमा मुद्दा

मनमोहन की चीन यात्रा में शीर्ष पर रहेगा सीमा मुद्दा नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपनी यात्रा के दौरान चीन के साथ प्रस्तावित सीमा सहयोग समझौता अपने एजेंडे के शीर्ष पर रहने का संकेत देते हुए आज कहा कि वह चीनी प्रधानमंत्री ली क्विंग के साथ मुद्दे पर दूरंदेशी और समस्या सुलझाने के दृष्टिकोण से चर्चा करेंगे।

सिंह ने रूस और चीन की पांच दिवसीय यात्रा पर रवाना होने से पहले जारी अपने बयान में यद्यपि रूस की सहायता से निर्मित कुडनकुलम ऊर्जा परियोजना में दो परमाणु रिएक्टरों की स्थापना को लेकर एक समझौते पर बातचीत का कोई भी उल्लेख नहीं किया।

सिंह ने कहा, ‘भारत और चीन के बीच ऐतिहासिक मुद्दे तथा चिंता के विषय हैं। दोनों सरकारें उनका समाधान गंभीरता और परिपक्वता से कर रही हैं तथा ऐसा करते हुए इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है कि इसका प्रभाव मित्रता और सहयोग के समग्र वातावरण पर नहीं पड़े।’ उन्होंने अपनी रवानगी के दौरान दिये गए बयान में कहा, ‘मैं इनमें से कुछ मुद्दों पर नेताओं के बीच रणनीतिक संवाद के तहत तथा दूरंदेशी और समस्या सुलझाने के दृष्टिकोण से चर्चा करूंगा।’

सिंह ने कहा कि भारत और चीन सीमा पर शांति और धर्य बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण सहमति पर पहुंच चुके हैं और इन दोनों देशों ने भारत-चीन सीमा के प्रश्न के हल की दिशा में शुरूआती प्रगति कर ली है। बीती गर्मियों में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों द्वारा लद्दाख की देपसांग घाटी में दीर्घकालीन घुसपैठ की पृष्ठभूमि में दोनों देशों के अधिकारी अपनी सेनाओं के बीच ‘आमना-सामना’ की स्थिति आने से बचाव के लिए सीमा रक्षा सहयोग समझौते पर काम कर रहे हैं। ऐसे संकेत हैं कि इस समझौते पर इस यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए जा सकते हैं।

बुधवार को चीनी प्रधानमंत्री के साथ दोपहर का भोजन करने के बाद चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग प्रधानमंत्री सिंह की रात के भोजन पर मेजबानी करेंगे। किसी भी भारतीय नेता के लिए यह एक दुर्लभ अवसर है। सिंह ने कहा कि विश्व के दो बहुत सघन जनसंख्या और बड़ी व उभरती अर्थव्यवस्थाओं वाले देश भारत व चीन आज क्षेत्रीय, वैश्विक और आर्थिक हितों पर अग्रगामी सामंजस्य रखते हैं। इसकी मुख्य वजह विकास के लिए इन दोनों देशों की महत्वाकांक्षाएं और आसपास का रणनीतिक माहौल है। उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच शांतिपूर्ण, मैत्रीपूर्ण और सहयोगात्मक संबंधों ने दोनों ही देशों और पूरे क्षेत्र के लिए स्थिरता के साथ विकास करने की स्थितियां उत्पन्न की हैं। (एजेंसी)

First Published: Sunday, October 20, 2013, 11:35

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