Last Updated: Wednesday, December 11, 2013, 19:59
कलाईकुंडा (पश्चिम बंगाल) : वायुसेना में ‘सुपरसोनिक युग’ की शुरुआत करने वाले और सटीक निशाना साधने की क्षमता के चलते 1971 के भारत-पाक युद्ध की दिशा बदल देने वाले मिग-21 एफएल लड़ाकू जेट विमान बुधवार से इतिहास का हिस्सा बन जाएगा।
वायु सेना प्रमुख एनएके ब्राउन ने मिग-21 लड़ाकू विमानों के पहले स्वरूप को विदाई देने के बाद कहा कि मेरे मन में मिग-21 के लिए अत्यधिक पेशेवर सम्मान है। मौजूदा दिनों के विमानों में मिग-21 की दक्षता के मेल वाला कोई विमान नहीं है। पश्चिम मेदिनीपुर में कलाईकुंडा वायुसैनिक केंद्र में सबसे युवा ऑपरेशनल कंवर्सन यूनिट पायलट फ्लाइट लेफ्टिनेंट एल नागराजन ने मिग-21 एफएल के फॉर्म 700 (किसी विमान का डॉक्यूमेंट लॉग) को वायुसेना प्रमुख के सुपुर्द किया। इसके साथ प्रतीकात्मक तौर पर वायु सेना के इतिहास की एक लंबी कहानी पर पर्दा गिर गया।
ब्राउन ने कहा कि विमान अपनी अभूतपूर्व लड़ाकू क्षमता के कारण लंबी अवधि तक वायु सेना के लड़ाकू दस्ते का आधारस्तंभ बना रहा। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, December 11, 2013, 19:59