मोदी के शौचालय संबंधी बयान को मिला समर्थन

मोदी के शौचालय संबंधी बयान को मिला समर्थन

भोपाल: भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार एवं गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ‘पहले शौचालय फिर देवालय’ संबंधी बयान पर देशभर से मिलीजुली प्रतिक्रिया सामने आ रही है। वहीं, मध्य प्रदेश में कई ऐसे लोग हैं, जो इसे सही मुद्दा मानते हुए चाहते हैं कि इस पर गंभीरता से विचार होना चाहिए।

राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष डा. सविता ईनामदार ने खुद को किसी राजनीतिक विचारधारा से अलग रखते हुए इस बारे में कहा कि हमें और मंदिरों की जरूरत नहीं है, क्योंकि भगवान तो हमारे दिल में बसते हैं। इंसान को इंसान मानने की जरूरत है और इसलिए मंदिरों से अधिक इंसानों को स्वच्छ शौचालयों की आवश्यकता है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली में युवाओं को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा था कि कई भारतीयों को अब भी बुनियादी सफाई व्यवस्था उपलब्ध नहीं है।

उन्होंने कहा था कि मेरी छवि एक हिन्दुत्ववादी के बतौर है, लेकिन मैं आपको अपनी वास्तविक चिंतन बताना चाहता हूं, मैंने गुजरात में कहा था, पहले शौचालय फिर देवालय। डा. सविता इस कथन से सहमत हैं और कहती हैं कि पानी की उचित सुविधा सहित शौचालयों के विकास पर जोर देने की जरूरत है। यह मुद्दा बहुत महत्वपूर्ण है और लोगों को स्वच्छता का महत्व समझाना आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि आमतौर पर यह देखा गया है कि कई इलाकों में बुनियादी सुविधाओं के अभाव में लोग, विशेषकर ग्रामीण इलाकों में खुले में शौच के लिए बैठने को मजबूर हैं।


भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के सेवानिवृत्त अधिकारी एवं रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर के पूर्व कुलपति अरूण गुर्टू ने मोदी के कथन का समर्थन करते हुए कहा कि यह एक वैज्ञानिक सोच है। उन्होंने कहा कि हमारे लिए यह शर्म की बात है कि आजादी के 65 साल बाद भी ग्रामीण इलाकों की महिलाओं के लिए उचित शौचालयों की व्यवस्था नहीं है।

प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की चुनाव घोषणापत्र समिति अध्यक्ष एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री विक्रम वर्मा ने कहा कि भाजपा की राज्य सरकार हर घर में शौचालय मुहैया कराने के लिए प्रदेश में ‘मर्यादा कार्यक्रम’ पहले से ही चला रही है। हालांकि मोदी के बयान से अधिक प्रभावित हुए बिना राज्य शासन की पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच ने कहा कि इसमें कुछ भी नया नहीं है, क्योंकि केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ऐसा ही कुछ पहले कह चुके हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें तो मोदी के कथन में कुछ भी ‘वचनबद्धता’ नजर नहीं आती है। उन्होंने कहा कि भारी धनराशि के प्रावधान के बावजूद हम सम्पूर्ण स्वच्छता से अभी काफी दूर हैं। (एजेंसी)




First Published: Friday, October 4, 2013, 20:49

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