Last Updated: Sunday, June 8, 2014, 19:04
नई दिल्ली : देश के शीर्ष स्तर के नौकरशाहों को केंद्र सरकार में कार्य संस्कृति सुधारने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिशानिर्देशों को अमल में लाने के लिए पांच दिन की समयसीमा दी गयी है जिसमें फैसले लेने के स्तरों को कम करना और अप्रचलित पुरानी प्रक्रियाओं को समाप्त करना शामिल है। कार्ययोजना को अमल में लाने के लिए सचिवों को दी गयी समयसीमा कल समाप्त हो रही है।
कैबिनेट सचिव अजीत सेठ ने 5 जून को दिशानिर्देश जारी किये थे। इससे पहले गत बुधवार को मोदी की शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी। मोदी ने इस बैठक में कहा था कि जो नियम तेजी से फैसले लेने में अड़चन डालते हों, उन्हें हटा देना चाहिए। सेठ द्वारा जारी सकरुलर में 11 बिंदु हैं जिनमें पारदर्शी तरीके से प्रभावी और तेजी से फैसले लेने पर जोर दिया गया है।
कैबिनेट सचिव के सकरुलर के मुताबिक, मैं आपसे अपेक्षा रखता हूं कि इन पर तत्काल कार्रवाई करें और 9 जून तक कार्ययोजना की जानकारी दें। इसमें सभी विभागों से कहा गया है कि ऐसे कम से कम 10 नियमों या प्रक्रियाओं को चिह्नित करें और हटाएं जो बेकार हैं और जिन्हें हटाने से कोई नुकसान नहीं होगा।
सकरुलर में सभी विभागों से कहा गया है कि अप्रचलित फॉर्म को यथासंभव छोटा कर एक पृष्ठ तक सीमित किया जाए और अनावश्यक तथा अप्रासंगिक जानकारी का इस्तेमाल बंद होना चाहिए। सभी विभागों से कहा गया है कि फैसले लेने के स्तरों को कम करके अधिकतम चार तक रखा जाए।
दिशानिर्देशों के अनुसार हर विभाग को जनता से किये गये वायदों को पूरा करने के तौर-तरीकों पर काम करना चाहिए तथा लोगों की शिकायतों का समय पर प्रभावी तरीके से समाधान सुनिश्चित होना चाहिए। इस पर संबंधित विभाग के सचिव नजर रखेंगे। सकरुलर में सचिवों को यह निर्देश भी दिया गया है कि 2009 से 2014 तक संप्रग-2 के कार्यकाल के लिए तय किये गये लक्ष्य और उनकी मौजूदा स्थिति का विश्लेषण होना चाहिए और सचिव अपने प्रस्तुतिकरण में इस बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी देंगे।
टीम भावना से काम करने और सामूहिक निर्णय लेने पर जोर देते हुए दिशानिर्देशों में कहा गया है कि अगर किसी विषय का समाधान नहीं निकलता तो कैबिनेट सचिव या प्रधानमंत्री कार्यालय का सहयोग लिया जाना चाहिए। इसमें मंत्रालयों के कामकाज में सूचना प्रौद्योगिकी और ई-गवनेर्ंस के इस्तेमाल की जरूरत बताई गयी है। दिशानिर्देशों में दफ्तरों में साफ-सुथरे और स्वच्छ वातावरण पर जोर दिया गया है ताकि सकारात्मक माहौल में काम हो सके।
मोदी ने गत 4 जून को सभी मंत्रालयों और विभागों के 77 सचिवों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक में उनसे कहा था कि प्रशासनिक नियमों और प्रक्रियाओं को आसान बनाया जाए ताकि वे जनता के लिहाज से अनुकूल बनें।
(एजेंसी)
First Published: Sunday, June 8, 2014, 19:04