`नरेंद्र मोदी के प्रचार का तरीका अहंकार और घमंड से भरा है`

`नरेंद्र मोदी के प्रचार का तरीका अहंकार और घमंड से भरा है`

छतरपुर, (मप्र) : कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता सत्यव्रत चतुर्वेदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री एवं भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी का विश्वास हिंसा में बताते हुए आरोप लगाया है कि उनके चुनाव प्रचार का तरीका अहंकार और घमंड से भरा हुआ है। चतुर्वेदी ने आज यहां अपने निवास पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा, मोदी का विश्वास हिंसा में है, विनम्रता में नहीं। उनका जो चुनाव प्रचार का तरीका है, वह अहंकार और घमंड से भरा है, वह विनम्रता सीख ही नहीं सकते हैं।

मध्य प्रदेश में 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर आ रहे जनमत सर्वेक्षणों में भाजपा को आगे बताए जाने संबंधी सवाल के जवाब में उन्होने कहा कि सभी जानते हैं कि ये सर्वेक्षण प्रायोजित होते हैं। उनका अपना अनुभव है कि ऐसा क्यों होता है कि चार-चार सर्वेक्षण होते हैं और सबके आंकड़े अलग-अलग आते हैं, यदि स्थितियां एक जैसी हैं, तो नतीजे भी एक समान होने चाहिए। जो कोई सर्वेक्षण कराता है, उसके अनुसार आंकड़े आधारित नतीजे निकाल दिए जाते हैं।
प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के जीतने और सरकार बनाने पर अब तक ज्योतिरादित्य सिंधिया को भावी मुख्यमंत्री बताने वाले चतुर्वेदी ने इस बारे में पूछने पर कहा, हमारी सरकार बनने पर मुख्यमंत्री का निर्णय निर्धारित प्रक्रिया एवं परंपरानुसार निर्वाचित विधायक करेंगे। टिकट वितरण के बाद पार्टी में उपजे असंतोष एवं बगावत को लेकर एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि कांग्रेस से ज्यादा दुर्दशा तो भाजपा में है। उन्होने दावा किया कि कांग्रेस में जिन लोगों ने अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ नामांकन दाखिल किया है, समझाइश के बाद वे अवश्य ही अपने पर्चे वापस ले लेंगे।

कांग्रेस प्रवक्ता ने पार्टी कार्यकर्ताओं के समक्ष अपना उदाहरण देते हुए कहा कि उनके पुत्र ने भी टिकट मांगा था, लेकिन नहीं मिला। टिकट नहीं मिलने पर कार्यकर्ता को पीड़ा होती है, दिल में दुख होता है, लेकिन दिल से बड़ा दल होता है और दल से बड़ा देश होता है। पार्टी ने उन पर और उनके परिवार पर कई एहसान किए हैं, भला वह उन्हें कैसे भुला सकते हैं।

उन्होने पार्टी के बागी उम्मीदवारों से अपील की है कि वे पार्टी हित में अपने नामांकन पर्चे वापस ले लें, चुनाव में सबको अवसर नहीं मिल सकता, किसी एक को ही मिलता है, जिसे पार्टी टिकट देती है, उसे जी-जान से जिताने में जुटना ही पार्टी के प्रति सच्ची वफादारी है। (एजेंसी)

First Published: Monday, November 11, 2013, 00:07

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