मोदी की स्वीकार्यता बढ़ाने में जुटा अल्पसंख्यक मोर्चा

मोदी की स्वीकार्यता बढ़ाने में जुटा अल्पसंख्यक मोर्चा

नई दिल्ली : भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की मुस्लिम समुदाय में स्वीकार्यकता बढ़ाने और लोकसभा चुनाव से पहले ज्यादा से ज्यादा मुसलमानों को साथ जोड़ने के मकसद से पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चे ने राष्ट्रीय स्तर पर मुस्लिम समाज के बीच मुहिम चलाने का फैसला किया है।

अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष अब्दुल रशीद अंसारी ने कहा, ‘आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर हमारी कोशिश होगी कि हम मुस्लिम समुदाय के ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपने साथ जोड़ें। इसके साथ ही हम अपने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के विकास मंत्र के बारे में भी लोगों को बताएंगे।’ मोर्चा ने अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को छोटे-छोटे समूहों में बांटकर उन्हें मुस्लिम समुदाय के बीच भेजने की योजना बनाई है। ये लोग पार्टी और मोदी की ‘विकास की नीति’ के बारे में मुस्लिम समुदाय को बताएंगे तथा उन्हें भाजपा के साथ जोड़ने की कोशिश करेंगे।

अंसारी ने आरोप लगाया, ‘बीते 65 वर्षों में कांग्रेस ने मुसलमानों को सिर्फ ठगा है और उन्हें गुमराह किया है। हमारी पार्टी और हमारे नेता सबको साथ लेकर विकास के रास्ते पर चलना चाहते हैं। यही हमारी नीति है और हम इसको लेकर ही मुस्लिम समाज के पास जाएंगे।’’

मोदी प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने के बाद से कई मौकों पर मुस्लिम समुदाय को साथ जोड़ने की कोशिश करते देखे गए हैं। राहुल गांधी के आईएसआई वाले बयान पर कांग्रेस उपाध्यक्ष पर निशाना साधने की पृष्ठिभूमि में उनकी इसी मंशा को देखा गया।

दूसरी ओर, गुजरात के मुख्यमंत्री की इस कवायद के बावजूद पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में मुस्लिम समुदाय के लोगों को उम्मीद के मुताबिक टिकट नहीं मिलने से झटका लगा है। पार्टी ने राजस्थान में चार, मध्य प्रदेश और दिल्ली एक-एक मुसलमान को टिकट दिया है।

इस बारे में अंसारी ने कहा, ‘यह बात सही है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों को इससे कहीं अधिक संख्या में टिकट मिलने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। स्वाभाविक है कि इससे बहुत सारे लोगों को निराशा हुई होगी। भाजपा टिकट बंटवारे में जीतने की संभावना को तवज्जो देती है और शायद यही वजह है कि मुस्लिम समाज के लोगों को ज्यादा टिकट नहीं मिल पाये।’

उन्होंने कहा, ‘हम मुस्लिम समाज में भाजपा के बारे में फैलाई गई गलतफहमियों को दूर करना चाहते हैं। पिछले कुछ वर्षों में हम कुछ हद तक इसमें कामयाब रहे हैं। आगे इसको लेकर और प्रयास करेंगे।` (एजेंसी)

First Published: Sunday, November 24, 2013, 15:16

comments powered by Disqus