Last Updated: Tuesday, May 27, 2014, 21:39

नई दिल्ली : पदभार संभालने के बाद नरेन्द्र मोदी सरकार ने पहला फैसला करते हुए मंगलवार को विदेशों में जमा काले धन का पता लगाने के लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया।
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की पहली बैठक में तय किया गया कि उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति एम बी शाह की अध्यक्षता में एसआईटी कार्य करेगी।
कैबिनेट बैठक के बाद कानून, आईटी एवं संचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने यहां संवाददाताओं को बताया कि एसआईटी के उपाध्यक्ष भी उच्चतम न्यायालय के एक अन्य सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरिजीत पसायत होंगे।
उन्होंने बताया कि एसआईटी में सदस्य के रूप में राजस्व सचिव, भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर, खुफिया ब्यूरो के निदेशक, निदेशक (प्रवर्तन), सीबीआई निदेशक, अध्यक्ष केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी), महानिदेशक (राजस्व खुफिया), निदेशक (वित्तीय खुफिया), और निदेशक (रा) शामिल होंगे।
प्रसाद ने कहा, ‘‘संतोष का विषय है कि आज जब मोदी कैबिनेट की पहली बैठक हुई तो पहला फैसला विदेशों में जमा काले धन को वापस लाने के बारे में किया गया और उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुरूप एसआईटी का गठन किया गया। आपको याद होगा कि ये मुद्दा हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण है।’’
प्रसाद ने कहा, ‘‘विदेश से काले धन को वापस लाने के लिए हमारा जो संकल्प और प्राथमिकता रही है, उसी के तहत एसआईटी का गठन किया गया है।’’ यह पूछे जाने पर कि एसआईटी की रिपोर्ट कब तक आ जाएगी, प्रसाद ने कहा कि उच्चतम न्यायालय का निर्देश है कि रिपोर्ट जल्द से जल्द पेश की जाए। हमें उम्मीद है कि ये जल्द ही पेश होगी। इस मुद्दे पर भारत सरकार ने सक्रियता दिखायी है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, May 27, 2014, 19:40