Last Updated: Saturday, February 15, 2014, 22:13

अहमदाबाद : नरेन्द्र मोदी के ‘चायवाला’ होने के अतीत के बारे में शब्द युद्ध को नया रूप देते हुए कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि मतदाताओं से जुड़ने के लिए अक्सर अपने अतीत का जिक्र करने वाले भाजपा से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार कभी चायवाला नहीं थे वह एक ‘कैंटीन ठेकेदार’ थे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल ने मोदी के महत्वकांक्षी प्रचार अभियान ‘चाय पे चर्चा’ को चुनावी हथकंडा बताया।
मोदी का नाम लिए बगैर पटेल ने कहा, ‘चाय पे चर्चा चुनावों को ध्यान में रखते हुए किया जाने वाला नाटक है। चाय वाला एसोसिएशन ने हमें बताया है कि वह कभी भी चाय नहीं बेचते थे वह, कैंटीन ठेकेदार थे।’ पटेल यहां आयोजित ‘स्वराज कच्छ’ रैली में बोल रहे थे। जानेमाने सामाजिक कार्यकर्ता लालजी देसाई आज मालधारी समुदाय के अपने सैकड़ों समर्थकों सहित कांग्रेस में शामिल हुए हैं।
सरदार बल्लभ भाई पटेल की विरासत को हथियाने का प्रयास करने का आरोप मोदी पर लगाते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, ‘पटेल की सबसे उंची प्रतिमा लगाकर वह प्रधानमंत्री की कुर्सी तक सीढी बनाना चाहते हैं।’ उन्होंने मोदी के गुजरात विकास मॉडल पर भी चुटकी ली और कहा, ‘यह गुजरात मॉडल नहीं हो सकता है। गुजरात मॉडल महात्मा गांधी और सरदार पटेल के सिद्धांतों पर आधारित है। कुछ लोगों को दुर्घटनावश सत्ता मिल गयी और उन्होंने गांधी, सरदार और (भीम राव) अंबेडकर जैसे महान नेताओं के सिद्धांतों को भुला दिया।’
उन्होंने कहा, ‘लेकिन जब चुनाव आते हैं तो वह उनका (नेताओं) नाम जपना शुरू कर देते हैं। चुनाव आने पर वह खुद को चायवाला और राम भक्त बना लेते हैं।’ विकास के मोदी के दावों पर प्रहार करते हुए पटेल ने कहा कि सामाजिक क्षेत्रों में गुजरात फिसड्डी है। पटेल ने दावा किया, ‘गुजरात स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य सामाजिक क्षेत्रों में फिसड्डी है। उनके दुष्प्रचार के अनुसार गुजरात नंबर एक पर है, लेकिन नीचे से। जहां तक बात प्राथमिक शिक्षा की है गुजरात 28वें स्थान पर है।’ (एजेंसी)
First Published: Saturday, February 15, 2014, 22:13