Last Updated: Sunday, October 13, 2013, 15:09
नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय के समक्ष महिलाओं के खिलाफ हिंसा और यौन उत्पीड़न के 300 से अधिक मामले लंबित हैं। आरटीआई (सूचना का अधिकार) याचिका के जवाब में उच्चतम न्यायालय की ओर से मुहैया कराए गए आंकड़ों के अनुसार न्यायालय के समक्ष 150 नियमित मामलों समेत यौन उत्पीड़न और महिलाओं के खिलाफ हिंसा के 325 मामले लंबित हैं। पुणे के विहार धुर्वे की याचिका के जवाब में न्यायालय ने कहा कि उसके सामने उत्पीड़न और अपहरण संबंधी भी 403 मामले लंबित है। धुर्वे ने उच्चतम न्यायालय में लंबित उन मामलों की जानकारी हासिल करने के लिए आरटीआई याचिका दायर की थी जिन्हें त्वरित अदालतों को सौंपा गया है।
उच्चतम न्यायालय ने कहा, कोई भी परिभाषित त्वरित अदालत नहीं है और विषय वर्ग के लंबित मामलों के बारे में वर्ष वार जानकारी नहीं रखी गई है। उसने बताया कि भ्रष्टाचार के 472, स्थायी विकलांगता संबंधी सड़क दुर्घटना के 588, सड़क दुर्घटना के अन्य घायलों संबंधी 45, तलाक के 418 और अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों पर अत्याचार के 39 मामले भी लंबित है। उच्चतम न्यायालय ने बताया कि उसके सामने देश के विभिन्न हिस्सों में भूमि अधिग्रहण संबंधी भी 8,490 मामले लंबित है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, October 13, 2013, 15:09