Last Updated: Tuesday, December 24, 2013, 18:42

लखनऊ : मुजफ्फरनगर दंगा राहत शिविरों में इस वक्त पीड़ितों नहीं बल्कि भाजपा तथा कांग्रेस के षड्यंत्रकारियों के रहने के समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव के बयान पर मुस्लिम बुद्धिजीवियों तथा धर्मगुरुओं की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया आई है।
आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के महासचिव मौलाना निजामुद्दीन ने बातचीत में कहा कि सपा प्रमुख का बयान राजनीति से प्रेरित है और वह इस मुद्दे को सियासी रंग देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि राहत शिविरों में रह रहे लोग खौफजदा हैं और डर के कारण वे अपने घर नहीं जाना चाहते। उनका सियासत से कोई ताल्लुक नहीं है। अगर होता, तो वे अपने घर से नहीं निकाले जाते। इस तरह के बयानों से उनका नुकसान ही होगा।
दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना अहमद बुखारी ने सपा प्रमुख के बयान की भर्त्सना करते हुए कहा कि यह अपनी नाकामियों को छुपाने का गैरजिम्मेदाराना प्रयास है। बुखारी ने कहा कि पिछले रविवार को उन्होंने अपने एक सहयोगी को दंगा राहत शिविरों में रह रहे लोगों का हाल लेने के लिये भेजा था। इसमें कोई सचाई नहीं है कि वहां कोई दंगा पीड़ित नहीं है। गौरतलब है कि सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने कल पार्टी राज्य मुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में कहा था कि मुजफ्फरनगर दंगा पीड़ितों के लिये बनाए गए राहत शिविरों में अब कोई पीड़ित नहीं रह रहा है। आप चाहे पता लगा लें। ये वो लोग हैं जो षड्यंत्रकारी हैं। यह भाजपा और कांग्रेस ने षड्यंत्र किया है। भाजपा और कांग्रेस के लोग रात में जाकर उनसे कहते हैं कि बैठे रहो, धरना दो। लोकसभा चुनाव तक यह मुद्दा बनाए रखो।
बुखारी ने कहा कि हो सकता है कि एक-दो संदिग्ध लोग राहत शिविरों में रह रहे हों लेकिन इसके लिये वहां रह रहे हजारों लोगों को षड्यंत्रकारी नहीं कहा जा सकता। इस बीच, आल इंडिया शिया पर्सनल ला बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने भी सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के बयान को गैर जिम्मेदाराना करार देते हुए कहा है कि अगर यादव को ऐसा लगता है तो उन्हें इसकी जांच करानी चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 24, 2013, 18:42