Last Updated: Monday, May 26, 2014, 00:06

नई दिल्ली : राष्ट्रपति भवन का विशाल प्रांगण सोमवार की शाम उन यादगार लम्हों का साक्षी होगा, जब नरेन्द्र मोदी सैकड़ों देशी विदेशी मेहमानों की मौजूदगी में देश के 15वें प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण करेंगे।
लोकसभा चुनाव में अकेले दम भाजपा की नैया पार लगाने वाले नरेन्द्र मोदी सोमवार (26 मई) को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे सहित दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन के तमाम नेताओं के साथ लगभग 3000 मेहमानों की मौजूदगी में पद और गोपनीयता की शपथ लेकर देश की बागडोर अपने हाथ में लेंगे।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी राजसी भवन के आलीशान प्रांगण में एक आलीशान समारोह में 63 वर्षीय मोदी और उनके मंत्रिपरिषद के सहयोगियों को भारतीय संविधान की शपथ देकर अपने पद के अनुरूप कार्य करने का दायित्व सौंपेंगे। इस मौके पर निवर्तमान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद रहेंगे। इनके अलावा विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री और राजनीतिक दलों के नेता भी इस समारोह में आमंत्रित मेहमानों की सूची में हैं। मोदी की मां हीराबा के भी इस समारोह में मौजूद रहने की संभावना है।
शरीफ और राजपक्षे के अलावा विदेशी अतिथियों में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई, भूटान के प्रधानमंत्री त्शेरिंग तोबगे, नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला और मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन अब्दुल गयूम शामिल हैं। बांग्लादेश का प्रतिनिधित्व वहां की संसद की स्पीकर शिरीन चौधरी करेंगी क्योंकि प्रधानमंत्री शेख हसीना शपथ ग्रहण समारोह के समय जापान की यात्रा पर होंगी।
यह पहला मौका है, जब दक्षेस देशों के राष्ट्राध्यक्षों को भारतीय प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है। अटल बिहारी वाजपेयी के नक्शे कदम पर चलते हुए मोदी ने राष्ट्रपति भवन की ऐतिहासिक इमारत के प्रांगण में शपथ ग्रहण करने की इच्छा जताई थी ताकि समारोह में ज्यादा से ज्यादा लोग शिरकत कर सकें। इससे पहले चंद्रशेखर ने भी इसी प्रांगण में प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। वैसे राष्ट्रपति भवन का खूबसूरत दरबार हॉल इस तरह के समारोहों का साक्षी हुआ करता है, लेकिन वहां चूंकि 500 मेहमानों की आवभगत की व्यवस्था है इसलिए अधिक बड़ी जगह का चयन किया गया।
अपने दृढ़ निश्चय और अटल फैसलों के लिए पहचाने जाने वाले मोदी का कद पिछले छह आठ महीने में इतना बढ़ गया कि उन्होंने राजनीति के बाकी तमाम खिलाड़ियों को बौना साबित कर दिया। यह मोदी का ही हौंसला था कि वह आलोचनाओं की तमाम आंधियों के सामने अडिग खड़े रहे क्योंकि उनका मानना था कि देश भंवर में फंस चुका है और उन्हें पूरा भरोसा था कि अपने चंद आस्थावान साथियों के सहारे वह देश की कश्ती को भंवर से निकाल लाएंगे।
इसे भारतीय लोकतंत्र की गरिमा ही कहा जाएगा, जिसमें 80 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने करीब 40 दिन तक नौ चरण के मंथन के बाद अपने पसंदीदा प्रतिनिधियों का चयन किया और कल सरकार बनने की पूर्णाहूति के बाद यह पंचवर्षीय यज्ञ संपन्न होगा।
नरेन्द्र मोदी ने हफ्तों तक चले चुनाव प्रचार के दौरान सैकड़ों जनसभाओं को संबोधित किया और लाखों किलोमीटर की यात्रा की। इसका नतीजा यह हुआ कि भाजपा 543 सदस्यीय लोकसभा में बहुमत के लिए जरूरी सीटों से 10 सीट ज्यादा लेकर 282 के अभूतपूर्व आंकड़े तक जा पहुंची और गुजरात के मुख्यमंत्री के लिए देश की सत्ता के शीर्ष पर पहुंचने का रास्ता साफ हो गया।
चुनाव के दौरान मोदी को इस बात का एहसास तो हो ही चुका था कि भाजपा के पक्ष में लहर होने के साथ ही कांग्रेस के खिलाफ लोगों में आक्रोश और नाराजगी बहुत ज्यादा है। उन्होंने उसी का फायदा उठाया और इस लहर को एक ऐसी सुनामी में बदल दिया, जो कांग्रेस के गढ़ बहा ले गई। शपथ ग्रहण समारोह के लिए राजधानी में भू से नभ तक सुरक्षा के ठीक वैसे ही इंतजामात किए गए हैं, जैसे गणतंत्र दिवस परेड के मौके पर होते हैं।
दिल्ली पुलिस के अनुसार कल रायसीना हिल्स के आसपास कई परत वाला सुरक्षा घेरा बनाया जाएगा। समारोह राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में होगा और समारोह के दौरान आसपास के तमाम कार्यालय पांच घंटे के लिये बंद रहेंगे। शपथ ग्रहण शाम 6 बजे होगा।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, राष्ट्रपति भवन के आसपास के कार्यालय दोपहर बाद एक बजे बंद कर दिए जाएंगे, जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियां उनकी जांच करेंगी। सुरक्षा गणतंत्र दिवस के समान होगी। सूत्रों ने बताया कि भारतीय वायु सेना ने क्षेत्र के हवाई क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक हवाई सुरक्षा व्यवस्था की है और अति सुरक्षा वाले इलाके के आसपास तमाम उंची इमारतों में स्नाइपर्स तैनात किए जाएंगे।
पुलिस ने बताया कि रायसीना हिल्स की तरफ जाने वाले सभी रास्तों पर सुरक्षा कारणों से अवरोधक लगाए जाएंगे। इलाके की सुरक्षा के लिए सचल सुरक्षा दस्ते, विमान भेदी तोपें और एनएसजी के शार्पशूटर तैनात किए जाएंगे। अर्धसैनिक बलों और दिल्ली पुलिस के जवान भी चप्पे चप्पे की निगरानी करेंगे।
राष्ट्रपति भवन में भी विशिष्ट अतिथियों की आवभगत के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दक्षेस नेताओं के साथ उनके राजनयिक दल भी मौजूद रहेंगे। स्थापत्य कला, राजनीतिक महत्व एवं खूबसूरती के लिहाज से देश की सर्वश्रेष्ठ इमारतों में से एक राष्ट्रपति भवन को इस तारीखी मौके के लिए पूरे शाही अंदाज में संवारा जा रहा है। इमारत के विशाल प्रांगण में कुर्सियां बिछ चुकी हैं और राष्ट्रीय राजधानी की शदीद गर्मी की तपिश मेहमानों तक न पहुंचे इसके लिए खास इंतजामात किए जा रहे हैं।
कल का दिन भारतीय राजनीति और लोकतंत्र के इतिहास में एक नया पन्ना जोड़ने जा रहा है जब निवर्तमान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्थान पर उनके नाम के हिज्जों से निकला ‘नमो’ अर्थात नरेन्द्र मोदी देश की सत्ता के ‘सरदार’ बनेंगे। (एजेंसी)
First Published: Monday, May 26, 2014, 00:06