Last Updated: Tuesday, March 25, 2014, 23:32
नई दिल्ली : नरेन्द्र मोदी का कहना है कि 2002 के गुजरात दंगों का उन्हें दुख है, लेकिन कोई अपराध बोध नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि वह तब इस्तीफा देना चाहते थे लेकिन उनकी पार्टी ने ऐसा नहीं करने दिया। ब्रिटेन के लेखक और टीवी प्रोड्यूसर एंडी मैरिनों लिखित हाल में प्रकाशित मोदी की जीवनी में यह बात कही गई है।
किताब में कहा गया है कि वह दंगों के बाद से 12 साल सार्वजनिक तौर पर ‘मोदी आलोचना’ का सामना करते रहे लेकिन उन्होंने निर्णय किया कि मीडिया को अपना काम करने दें और कोई टकराव नहीं करें। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार ने कहा, ‘मैंने कभी टकराव में अपना समय नहीं गंवाया।’
पुस्तक के अनुसार 2002 के दंगों पर मोदी ने कहा, ‘जो हुआ मुझे उसका दुख है लेकिन कोई अपराध बोध नहीं है। और कोई अदालत यह स्थापित करने (दंगों में उनकी भूमिका) के करीब भी नहीं पंहुची। इस 310 पृष्ठीय जीवनी में यह खुलासा भी किया गया है कि मोदी दंगों के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना चाहते थे लेकिन पार्टी ने उन्हें पद पर बने रहने को कहा। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, March 25, 2014, 23:31