नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री की रेस में सबसे आगे: ओपिनियन पोल

नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री की रेस में सबसे आगे: ओपिनियन पोल

नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री की रेस में सबसे आगे: ओपिनियन पोलज़ी मीडिया ब्यूरो

नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव होने में अभी कुछ महीने बचे हैं, पर चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है। 2014 के आम चुनाव में किस पार्टी का पलड़ा भारी रहेगा और प्रधानमंत्री कौन बनेगा, उसके लिए अभी से ही अनुमान लगाया जा रहा है। मीडिया संस्थान अपने-अपने सर्वे कर रहे हैं। करीब-करीब सभी के सर्वे में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की बयार बह रही है। शनिवार रात एक टीवी न्यूज चैनल के ताजा सर्वे में 2014 के आम चुनावों में 543 में से 210 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में भाजपा के उभरने के संकेत दिए गए हैं, साथ ही मोदी को प्रधानमंत्री पद के सबसे चहेता उम्मीदवार बताया।

अगर ऐसा होता है तो भारत की संसदीय राजनीति में भाजपा की अब तक की यह सबसे बड़ी जीत होगी। सर्वे के मुताबिक सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस को अब तक की सबसे कम सिर्फ 81 सीटें मिलने का अनुमान है। दिल्ली में धमाकेदार दस्तक देने वाली `आप` को सिर्फ 11 सीटें मिलने के संकेत इस ओपिनियन पोल में दिए गए हैं।

ताजा सर्वे के मुताबिक लोकसभा की कुल 543 सीटों में आज की तारीख में भाजपा नीत एनडीए को 226, कांग्रेस नीत यूपीए को यूपीए 101, वाम दलों को 30 और अन्य को 186 सीटें मिलती दिख रही हैं। मालूम हो कि लोकसभा में कुल 545 सीटें हैं, जिसमें से 2 एंग्लो इंडियन के प्रतिनिधियों को राष्ट्रपति मनोनीत करते हैं।

देश के अगले प्रधानमंत्री के रूप में भी भाजपा के पीएम कैंडिडेट नरेंद्र मोदी कांग्रेस के `युवराज` राहुल गांधी से काफी आगे हैं। राहुल को जहां 15 फीसदी लोगों ने पीएम के रूप में पसंद किया है, वहीं नरेंद्र मोदी को 53 फीसदी लोगों ने देश की अगुआई करने के लिए वोट किया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल को पीएम बनने के लिए सिर्फ पांच फीसदी लोगों का समर्थन मिला है।

ताजा ओपिनियन पोल के मुताबिक 52 फीसदी लोगों का मानना है कि केंद्र में मौजूदा यूपीए सरकार से बेहतर एनडीए की सरकार थी। यूपीए को सिर्फ 24 फीसदी लोगों का ही समर्थन मिला है। दिलचस्प ये है कि 61 फीसदी लोग यूपीए सरकार को दोबारा मौका नहीं देना चाहते हैं। यही नहीं, 43 फीसदी लोगों ने यूपीए की सरकार को काफी कमजोर आंका है।


First Published: Sunday, January 26, 2014, 09:29

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