Last Updated: Monday, May 26, 2014, 18:31

नई दिल्ली : शांति का संदेश लेकर यहां आए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने सोमवार को कहा कि उनकी मंशा भारत के नए नेता नरेंद्र मोदी के साथ रिश्तों की डोर को वहीं से पकड़ने की है जहां उन्होंने और तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 1999 में छोड़ी थी।
शरीफ लाहौर से यहां पहुंचे। लाहौर से भारत के लिए रवाना होने के दौरान शरीफ ने कहा कि वह ‘‘शांति के पैगाम’’ के साथ जा रहे हैं। शरीफ प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए यहां आए हैं और रात में यहीं ठहरेंगे।
बाद में यहां बातचीत में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों सरकारों के पास मजबूत जनादेश है और यह ‘‘हमारे संबंधों में नया अध्याय खोलने में’’ मदद कर सकता है। शरीफ की मोदी के साथ कल द्विपक्षीय बैठक होगी जिसमें दोनों पक्षों के सहयोग बढ़ाने पर चर्चा करने की उम्मीद है।
एनडीटीवी के अनुसार उन्होंने कहा, ‘‘यह इसी भाजपा के प्रधानमंत्री वाजपेयी थे जिनके लिए मेरे मन में सर्वाधिक सम्मान है। मेरी मंशा डोर को वहीं से पकड़ने की है जहां वाजपेयी और मैंने 1999 में छोड़ी थी।’’ पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि यह एक-दूसरे तक पहुंचने का मौका है। साथ ही उन्होंने कहा कि कोई भी दो ऐसे मुल्क नहीं हैं जिनके बीच भारत और पाकिस्तान जैसी सांस्कृतिक और पारंपरिक समानताएं हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘क्यों न हम इन समानताओं को अपनी ताकत में बदलें। मैं श्री मोदी से मिलने को काफी उत्सुक हूं। हमें एक-दूसरे के प्रति डर, अविश्वास और आशंकाओं को दूर करना चाहिए।’’ शरीफ ने कहा कि दोनों देशों को क्षेत्र को अस्थिरता और असुरक्षा से छुटकारा हासिल दिलाना चाहिए, जो इसे दशकों से ग्रस्त किए रहा है। शरीफ की यात्रा को यहां राजनैतिक पर्यवेक्षक महत्वपूर्ण मान रहे हैं। पाकिस्तान में कट्टरपंथी तत्वों ने मोदी के न्योते पर शरीफ की ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त किए जाने पर नाखुशी जताई है।
सूत्रों ने कहा कि यह अपेक्षा है कि पाकिस्तानी नेता भी मोदी को पाकिस्तान आने का औपचारिक न्योता देंगे। यात्रा के दौरान कोई सफलता मिलने की उम्मीद नहीं है लेकिन यह दोनों नेताओं को व्यक्तिगत संबंध बनाने का अवसर देगा जो तनाव घटाने में मदद कर सकता है। (एजेंसी)
First Published: Monday, May 26, 2014, 18:31