धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद की नेहरूवादी विरासत कांग्रेस की मूल सोच: सोनिया

धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद की नेहरूवादी विरासत कांग्रेस की मूल सोच: सोनिया

धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद की नेहरूवादी विरासत कांग्रेस की मूल सोच: सोनियानई दिल्ली : लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के अब तक के सबसे खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को कहा कि ‘‘सच्ची धर्मनिरपेक्षता’’ और ‘‘समाजवादी अर्थशास्त्र’’ कांग्रेस की ‘‘मूल सोच’’ रही है । सोनिया ने कहा कि नेहरूवाद के इन मूल्यों को ‘‘मौजूदा राजनीतिक माहौल में कुछ (लोगों) से चुनौती मिल रही है।’’

पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की 50वीं पुण्य-तिथि के मौके पर एक कार्यक्रम में सोनिया ने कहा कि संपन्नता एवं आर्थिक वृद्धि में निजी क्षेत्र को शामिल करने को पार्टी जहां बढ़ावा देती है, वहीं समाज के ‘‘सबसे कमजोर तबकों के लिए नेहरू की चिंता’’ को भी तरजीह देती है।

सोनिया ने कहा कि भारतीयता की सोच के अभिन्न अंग रहे नेहरूवाद के चार स्तंभों- लोकतांत्रिक संस्था निर्माण, सच्ची धर्मनिरपेक्षता, समाजवादी अर्थशास्त्र एवं गुटनिरपेक्षता की विदेश नीति- को मौजूदा राजनीतिक माहौल में कुछ (लोगों) से चुनौती मिल रही है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इसका अर्थ यह नहीं हैं कि पार्टी समय के फेर में फंस गई है और 50 साल पहले की पारंपरिक समझ को दोहरा रही हैं क्योंकि एक खुला और सवाल करने वाला दिमाग रखने वाले ‘‘नेहरू ने खुद समय के साथ इसे विकसित किया होता और साथ ही साथ अपने मौलिक मूल्यों को भी साथ लेकर चलते।’’ मध्य-वाम विचारधारा का संकेत देने वाली सोनिया की टिप्पणियां ऐसे समय में सामने आई हैं जब नरेंद्र मोदी ने देश के प्रधानमंत्री का पदभार संभाला है।

कांग्रेस की अंदरूनी बैठकों में पार्टी नेताओं का कहना रहा है कि कॉरपोरेट जगत और मीडिया ने लोकसभा चुनावों में भाजपा का पूरा समर्थन किया। धर्मनिरपेक्षता पर सोनिया ने कहा कि नेहरू ने जहां विभाजन रोकने की कोशिश की, वहीं जब यह हुआ तो उन्होंने इस तर्क को कभी स्वीकार नहीं किया कि पाकिस्तान खास तौर पर भारत के मुसलमानों के लिए बनाया गया है और शेष भाग हिन्दुओं का राष्ट्र है।’’ (एजेंसी)

First Published: Tuesday, May 27, 2014, 19:20

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