Last Updated: Tuesday, December 24, 2013, 09:56
लखनऊ: साल 2014 का शुभारंभ बुधवार से हो रहा है। 21वीं सदी में यह संयोग दूसरी बार आया है। इससे पूर्व यह संयोग इस सदी में पहली बार वर्ष 2003 में आया था। इतना ही नहीं, इस सदी में 2014 के कैलेंडर की पुनरावृत्ति का संयोग 11 बार आएगा। यह संयोग आगामी वर्षो 2025, 2031, 2042 ,2053, 2059, 2070, 2081, 2087,तथा 2098 में भी आएगा।
विगत सदी में 2014 जैसे कलेंडर की पुनरावृत्ति का संयोग 11 बार 1902, 1913, 1919, 1930, 1941, 1947, 1958, 1969, 1986, एवं 1997 में आया था। कैलेंडर की पुनरावृत्ति एक सामान्य गणितीय प्रकिया है जो एक लीप वर्ष के लिए सामान्यतया 11 या 6 वर्षो के बाद आती है।
इसका आकलन लखनऊ के गणित अध्यापक अतुल सक्सेना ने अपने वर्षो के लिए स्वनिर्मित अंक कोड तालिका के आधार पर प्रस्तुत किए हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी वर्ष के लिए अंक कोड कलेंडर मुंह जुबानी हो सकता है। वर्ष 2014 के कैलेंडर के लिए जनवरी से फरवरी तक के महीनों के लिए माह अंक कोड क्रमश: 2,5,5, 1,3,6,1,4,0,2,5,0 है।
सक्सेना ने बताया कि किसी दिनांक में उसका माह अंक कोड जोड़ने पर आए योग को सात से भाग करने पर प्राप्त शेषफल से ही दिन अंक का बोध होता है। रविवार से शनिवार तक के लिए दिन अंक कोड क्रमश: शून्य से छह तक निर्धारित है। सात से कम योग की स्थिति में योगफल ही दिन अंक कोड के बराबर होता है।
इसी तरह 27 दिसंबर 2014 को दिन जानने के लिए 27 में दिसंबर माह अंक का कोड शून्य जोड़ने पर प्राप्त 27 को 7 से भाग करने पर शेषफल 6 दिन अंक शनिवार का होना बताता है, जबकि 1 जनवरी 2014 को 1 एवं माह अंक कोड 2 जोड़ने पर योगफल 3 आता है, जो 7 से कम है। अत: इस स्थिति में योगफल 3 ही दिन अंक `बुधवार` का होना बताता है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 24, 2013, 09:56