असम: उग्रवादियों की हिंसा में अब तक 32 मरे, पीएम और सनिया ने की हमले की निंदा

असम: उग्रवादियों की हिंसा में अब तक 32 मरे, पीएम और सनिया ने की हमले की निंदा

असम: उग्रवादियों की हिंसा में अब तक 32 मरे, पीएम और सनिया ने की हमले की निंदाज़ी मीडिया ब्यूरो
गुवाहाटी : असम के बक्सा जिले के एक गांव से आज सुबह नौ और लाशें बरामद की गईं जिससे असम के बोडोलैंड प्रशासनिक जिला (बीटीएडीसी) में एनडीएफबी-सोंगबजित के उग्रवादियों की हिंसा के कारण मरने वालों की संख्या 32 तक पहुंच गई। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बरामद की गई लाशें सालबाड़ी उपमंडल में मानस नेशनल पार्क के पास खगड़ाबाड़ी गांव से बरामद की गई हैं। मरने वालों में चार बच्चे और दो महिलाएं शामिल हैं। लाशों में से दो बच्चों की पहचान हो गई है। सूत्रों ने बताया कि सात से दस साल की उम्र के तीन बच्चे बेकी नदी के किनारे जंगल में छुपे हुए थे उन्हें बचा लिया गया है।

चिरांग और धुबरी जिलों के कुछ हिस्सों के अलावा कोकराझार और बक्सा जिलों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है। यहां पर 23 लोगों की मौत हो गई है। सूत्रों ने बताया कि हिंसा प्रभावित इलाकों में सेना ने लोगों के बीच भरोसा कायम करने और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए फ्लैग मार्च किया।

हिंसा उस वक्त शुरू हुई जब बक्सा जिले के आनंद बाजार इलाके के करीब भारी हथियारों से लैस एनडीएफबी-एस के उग्रवादी एक घर में घुस गए और दो महिलाओं सहित एक ही परिवार के तीन सदस्यों की गोली मारकर हत्या कर दी। इस हमले में अल्पसंख्यक समुदाय का एक नवजात शिशु घायल हो गया। इससे पहले उग्रवादियों ने पड़ोस के कोकराझार जिले के बालापार-आई गांव में गुरवार तड़के अंधाधुंध गोलीबारी की जिस वजह से घरों के भीतर ही आठ लोगों की मौत हो गई जबकि कई अन्य घायल हो गए।

कल रात गोलियों से छलनी 12 शव बरामद किए गए हैं। इनमें बक्सा जिले के नायंगुरी गांव और ननकखदरबारी से बरामद पांच महिलाओं और एक बच्चे का शव भी शामिल है, जहां उग्रवादियों ने करीब 100 से ज्यादा घरों और एक लकड़ी से बने पुल में आग लगा दी।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने असम में हुई हिंसा के दोषियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। असम के मुख्यमंत्री तरूण गोगोई ने एक उच्चस्तरीय बैठक कर असम पुलिस को आतंकियों के साथ सख्ती के साथ पेश आने का निर्देश दिया है। स्थिति को नियंत्रण करने के साथ ही दोषी आंतकियों को तुरंत पकड़ने को कहा है। गोगोई ने स्थिति के नियंत्रण के लिए सेना व अर्द्ध सैनिक सुरक्षा बलों की मदद मांगी है। केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने फोन कर गोगोई से सारी स्थिति का जायजा लिया। शिंदे ने हरसंभव मदद का आश्वासन देते हुए अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजे जाने की बात कही है।

कोकराझार और बक्सा जिलों में हुए हमलों में लोगों के मारे जाने पर दुख प्रकट करते हुए सोनिया ने कहा कि भारत का स्वभाविक बहुलवाद कभी भी विभाजनकारी और हिंसक ताकतों को सफल नहीं होने देगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी और समूचा देश हमले में मारे गए लोगों के परिवार के साथ खड़ा है। पार्टी के एक बयान के मुताबिक इस मुद्दे पर सोनिया असम के मुख्यमंत्री तरूण गोगोई के साथ निरंतर संपर्क में हैं।

वार्ता-विरोधी अल्फा-स्वाधीन के सहायक प्रचार सचिव अरूणोदय असम ने एक ईमेल बयान हिंसा की निंदा की है।इस बीच ऑल माइनोरिटी स्टूडेंट्स यूनियन (आम्सू), ऑल बोडो माइनोरिटी स्टूडेंट्स यूनियन (एबीएमएसयू) और कई अन्य संगठनों ने इन घटनाओं की निंदा की है और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

पुलिस ने कहा कि एके-47 राइफलों से लैस एनडीएफबी-सांगबिजित के 40 उग्रवादियों के एक समूह ने गुरुवार देर रात के बाद कोकराझार के बालापाड़ा-1 गांव में तीन घरों पर धावा बोल दिया और अंधाधुंध गोलीबारी की जिसमें मौके पर ही सात लोगों की मौत हो गई। पुलिस महानिरीक्षक एल आर बिश्नोई ने बताया कि सात मृतकों में अल्पसंख्यक समुदाय के दो बच्चे और चार महिलाएं शामिल हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, बाद में देर रात को गोलियों से छलनी 12 और शव बक्सा जिले के दो गांवों में मिले। आईजीपी (कानून व्यवस्था) एस एन सिंह ने बताया कि मानस राष्ट्रीय उद्यान के समीप, जिले में बेकी नदी के किनारे अल्पसंख्यक समुदाय के कम से कम 70 मकानों को आग लगा दी गई। इससे पहले एनडीएफबी-एस के उग्रवादियों ने पड़ोसी बकसा जिले में दो महिलाओं समेत तीन लोगों को मार दिया था। उनके हमले में एक नवजात जख्मी हो गया था। पुलिस के अनुसार उग्रवादियों का एक समूह गुरूवार रात आनंदा बाजार इलाके के पास एक घर में घुस गया और अंधाधुंध गोलीबारी की।

उधर, मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री तरूण गोगोई ने पुलिस से कहा कि इस मामले में शामिल उग्रवादियों को पकड़ा जाए तथा स्थिति को काबू में लाया जाए। इसके अलावा स्थिति से निपटने के लिए सेना की मदद भी मांगी गई है। जवानों ने लोगों के मन में विश्वास बहाल करने के लिए हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च भी किया।

अल्पसंख्यक छात्र संगठनों ने मुख्यमंत्री तरूण गोगोई पर बीटीएडी इलाके में कानून व्यवस्था नहीं बनाए रखने का आरोप लगाया और उनके इस्तीफे की मांग की।इस क्षेत्र में कोकराझाड़, बाक्सा, उदालगुड़ी और चिरांग जिले आते हैं। उक्त दोनों संगठनों के नेताओं ने दावा किया कि बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट (बीपीएफ) की नेता और पूर्व मंत्री प्रमिला रानी ब्रह्मा की ओर से अल्पसंख्यकों के मतदान पर दिए गए बयान के बाद हिंसा भड़की।

First Published: Saturday, May 3, 2014, 11:18

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