Last Updated: Monday, January 6, 2014, 22:13

पटना: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पिछले तीन जनवरी को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के बारे में की गयी टिप्पणी के बारे में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।
पटना के एक अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास पर आज आयोजित जनता दरबार के बाद पत्रकारों द्वारा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नरेंद्र मोदी के बारे में की गयी टिप्पणी पर पूछे जाने पर नीतीश ने उस पर कोई टिप्पणी करते हुए बचते हुए कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री की प्रेस कांफ्रेंस का सीधा प्रसारण देख नहीं सके थे। ऐसे में इस बारे में वह कोई टिप्पणी नहीं कर सकते।
उन्होंने दोहराया कि अखबारों में जो बातें आयीं थी उसके अनुसार यह उनकी तरफ बुलाया गया एक विदाई प्रेस कांफ्रेंस था। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को उनकी पार्टी द्वारा प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि यह उस पार्टी का अंदरूनी मामला है।
यह पूछे जाने पर प्रधानमंत्री कैसा हो नीतीश ने कहा कि इस बारे में उन्होंने अपनी राय दो साल पूर्व ही रख दी थी और आज भी उस पर कायम हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ऐसा होना चाहिए जो सबको साथ लेकर चल सके। धर्मनिरपेक्ष हो, समावेशी विकास में उसका विश्वास हो, न्याय के साथ विकास करे। इस पद पर आसीन होने वाले व्यक्ति के विचार संकुचित नहीं उदार होने चाहिए तथा देश की प्रगति में सबको भागीदार बनाकर देश को नई उंचाई देने की क्षमता रखता हो।
गठबंधन से जुडे एक प्रश्न पर नीतीश ने कहा कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा के साथ सैद्धांतिक सहमति बनी है और मिलकर काम करेंगे। राजद के कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर पूछे गए प्रश्न पर नीतीश ने दोहराया राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद संप्रग में पूर्व से हैं और अभी भी उसका साथ दे रहे हैं। यही कारण है कि कांग्रेस ने लोकसभा में अपने हिस्से की अगली सीट उन्हें दे दी थी।
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने से जुडे एक प्रश्न पर नीतीश ने कांग्रेस पर राजनीतिक कारणों से उसे ठंडे बस्ते में डाल देने का आरोप लगाया। उन्होंने दोहराया कि उनकी पार्टी इस मामले को अगले लोकसभा चुनाव में मुख्य मुद्दा बनाएगी। राजद और लोजपा के बीच जारी खींचतान और लोजपा के साथ गठबंधन को लेकर उनकी पार्टी जदयू के साथ बातचीत होने के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने इससे इंकार किया।
आप के कारण मुख्यधारा के राजनीतिक दलों के लिए खतरा उत्पन्न होने के बारे में नीतीश ने कहा कि संगठन और पार्टी बनाने का सभी को अधिकार है। सभी पार्टियों को संविधान के दायरे में काम करना होता है। (एजेंसी)
First Published: Monday, January 6, 2014, 22:13