Last Updated: Thursday, December 19, 2013, 23:43

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को अपने विरोधी और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर इशारा करते हुये आज कहा कि तक्षशिला जो पाकिस्तान में है, उसके बारे में भी लोग पाकिस्तान के बजाय बिहार कह देते हैं। यह इतिहास के बारे जो समझ होनी चाहिये, उसका अभाव है।
पिछले 27 अक्तूबर को पटना के गांधी मैदान में आयोजित हुंकार रैली को भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने संबोधित करते हुये तक्षशिला को बिहार में बताने के साथ सिकंदर के गंगा किनारे तक आने तथा चंद्रगुप्त को मौर्य वंश के बजाये गुप्त वंश का बताया था।
भारतीय ऐतिहासिक अभिलेख कमिटी के 61वें अधिवेशन का आज उद्घाटन करते हुये नीतीश ने मोदी की ओर इशारा करते हुये उनपर चुटकी लेते हुये कहा कि तक्षशिला जो पाकिस्तान में है, उसके बारे में भी लोग पाकिस्तान के बजाये बिहार कह देते हैं। इतिहास के बारे में जो समझ होनी चाहिये, उसका अभाव है। उन्होंने कहा कि इतिहास में दिलचस्पी होनी चाहिये और उनका स्वभाव है कि जब वे भ्रमण पर कहीं जाते हैं तो वहां पुराने जमाने की चीजों उस समय के इतिहास लोगों के रहन-सहन कला एवं संस्कृति के बारे में जानकारी लेते हैं।
नीतीश ने कहा कि जो कुछ भी हमारी पुरानी चीजें है उसके बारे में जो काम होना चाहिये वह कम होता है। इतिहास के बारे में संवेदनशीलता बहुत कम है। उन्होंने कहा कि देश में अभिलेखों को रखने पर जोर नहीं दिया गया। अभिलेखों को ठीक ढंग से संरक्षित कर रखने का तरीका भी लोगों को मालूम नहीं था। ज्ञान को मौखिक रूप से एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया जाता था।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शिक्षा सीमित दायरे में रही और जिनके पास ज्ञान और शिक्षा थी उनका समाज में बडा रुतबा था। लोक कथाओं के माध्यम से चीजें जन-जन तक पहुंची, कुछ के लिखित रिकार्ड नहीं है। सिंधु घाटी की सभ्यता सहित कई अन्य जानकारी खुदायी से मिली। उन्होंने कहा कि बिहार में अभिलेखागार को सुदृढ करने के लिये कई कदम उठाये गये हैं और यहां अभिलेखों को ठीक करने और विरासत को संजोकर रखने के लिये अंतर्राष्ट्रीय स्तर का संग्रहालय बनाया जा रहा है।
नीतीश ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कोटेशन आमंत्रित कर विश्वस्तरीय संग्रहालय भवन का निर्माण तेजी से हो रहा है। लार्ड कंसलटेंट की सेवा भी ली गयी है। इतिहास के विभिन्न कालखंडों के प्रदर्शों को इस म्यूजियम में सुसज्जित कर रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि पटना संग्रहालय प्रसिद्ध संग्रहालय है पर वहां भी सभी प्रदर्शो को जगह के अभाव में ठीक से नहीं रखा जा रहा है। बिहार के अन्य ऐतिहासिक विरासतों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय को अब तक वर्ल्ड हैरिटेज में सम्मिलित नहीं किया गया है जिस पर उन्होंने देश-विदेश के विद्धानों का ध्यान आकृष्ट कराया है। उन्होंने कहा कि डाक्यूमेंटेशन का कार्य पहले से होना चाहिए। अपनी पुरानी चीजों के बारे में डाक्यूमेंटेशन कर रखा जाना चाहिेए। (एजेंसी)
First Published: Thursday, December 19, 2013, 23:43