Last Updated: Tuesday, January 7, 2014, 19:26
नई दिल्ली : केन्द्र ने इस बात से इंकार किया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और मुजफ्फरनगर दंगों के पीडित मुस्लिम युवकों के बीच किसी तरह का कोई संबंध है । केन्द्र ने हालांकि दिल्ली पुलिस के इस बयान का समर्थन किया कि आतंकवादी संगठन लश्कर ए तय्यबा के दो संदिग्ध व्यक्ति मुजफ्फरनगर में दो लोगों से मिले थे ।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘इस बात का कोई सबूत या खुफिया जानकारी नहीं है, जिससे पता चलता हो कि आईएसआई ने दंगा पीडितों से संपर्क किया ।’ गृह राज्य मंत्री आरपीएन सिंह भी 11 दिसंबर 2013 को संसद में एक सवाल के जवाब में इसी तरह का विचार व्यक्त कर चुके हैं ।
आरपीएन ने राज्यसभा को सूचित किया था, ‘खुफिया एजेंसी द्वारा दी गयी सूचना के मुताबिक ऐसी कोई बात नहीं है, जिससे पता लगे कि आईएसआई, पाकिस्तान और मुजफ्फरनगर में हाल ही में हुए सांप्रदायिक दंगों से प्रभावित अल्पसंख्यक समुदाय के परिवार वालों से जुडे मुस्लिम युवकों के बीच कोई संबंध है ।’
गृह मंत्रालय के अधिकारी ने हालांकि दिल्ली पुलिस के बयान का समर्थन किया है, जिसमें कहा गया है कि लश्कर के दो संदिग्ध मुजफ्फरनगर में दो लोगों से मिले थे लेकिन इस बात से इंकार किया कि जो दो लोगों से लश्कर के संदिग्ध मिले थे, वे दंगा पीडित हैं या उनका हिंसा से किसी तरह से कोई लेना देना है । (एजेंसी)
First Published: Tuesday, January 7, 2014, 19:26