Last Updated: Tuesday, May 20, 2014, 08:59
नई दिल्ली : मोदी सरकार के साथ समग्र वार्ता प्रक्रिया को शुरू करने की शर्त रखते हुए पाकिस्तान ने यह स्पष्ट किया कि भारत को जम्मू्-कश्मीर जैसे ‘विवादित’ मुद्दों से निपटने में झिझक नहीं होनी चाहिए और उसे वार्ता को कोई पूर्व-शर्त भी नहीं रखनी चाहिए।
भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने यहां कहा कि अब दो लोकतांत्रिक देशों को फैसला करना है कि हमें कड़वाहट को खत्म करना है अथवा टकराव को अनिश्चितकाल के लिए बरकरार रखना है। दोनों देश और उनकी जनता गलत दिशा में बढ़ने तथा इतिहास के गलत पक्ष में होने की कीमत वहन नहीं कर सकते। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने कहा कि ऐसी टिप्पणी करके पाकिस्तान स्वयं शर्तें रख रहा है।
उन्होंने पाकिस्तान में चल रहे मुंबई आतंकी हमले 26/11 की सुनवाई की धीमी गति पर भी सवाल उठाए। बासित ने कहा कि पाकिस्तान नरेंद्र मोदी की भारतीय प्रधानमंत्री के तौर पर इस्लामाबाद यात्रा को लेकर आशान्वित है तथा उम्मीद जताई कि दोनों देश शीघ्र संवाद के जरिए ‘मतभेदों और विवादों’ का समाधान निकाल लेंगे। भारतीय प्रेस क्लब के सदस्यों के साथ बातचीत के दौरान भारत में पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने कहा कि नरेंद्र मोदी जब भी पाकिस्तान का दौरा करने का फैसला करेंगे तब हम उनकी मेजबानी करने के लिए तैयार हैं। हमारे प्रधानमंत्री नवाज शरीफ उन्हें आमंत्रित भी कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि भारत में नयी सरकार के गठन के बाद शुरूआत के चार-पांच महीने महत्वपूर्ण होंगे और वही तय करेंगे कि द्विपक्षीय संबंध किस दिशा में आगे बढ़ेंगे। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, May 20, 2014, 08:59