Last Updated: Wednesday, November 20, 2013, 19:40

पणजी : केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने बुधवार को यहां कहा कि भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से जासूसी मुद्दे पर इस्तीफे की मांग करने का सवाल ही पैदा नहीं होता, क्योंकि न तो उनमें शर्म है और न नैतिकता ही।
तिवारी पणजी में भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के उद्घाटन समारोह से पहले एक संवाददाता सम्मेलन में राजनीति से जुड़े प्रश्नों के जवाब दे रहे थे। उनसे पूछा गया कि विवादास्पद टेपों के सामने आने के बाद क्या मोदी को इस्तीफा दे देना चाहिए, तिवारी ने कहा कि इस्तीफे की मांग उनसे की जाती है, जिनके पास नैतिकता होती है। यदि उनमें जरा भी शर्म होती तो वह 2002 के गुजरात दंगे के बाद ही इस्तीफा दे देते। यह शर्मनाक है।
उल्लेखनीय है कि मोदी और उनके करीबी सहयोगी अमित शाह की छवि, पिछले सप्ताह मीडिया में जारी टेपों से संदेह के घेरे में आ गई है। टेपों से खुलासा हुआ है कि राज्य सरकार ने एक महिला को कथित रूप से निगरानी के दायरे में रखा था। टेपों में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि राज्य की आतंकवाद रोधी पुलिस कथित रूप से उसके पीछे लगी रहती थी। कहा गया है कि ऐसा उसके पिता के कहने पर किया गया। पिता को अपनी बेटी की सुरक्षा को लेकर भय था। तिवारी ने कहा कि यह एक मजाक है। लोगों को अनधिकृत निगरानी में रखना एक आपराधिक मामला है, जो हमारे संविधान के तहत दंडनीय है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, November 20, 2013, 19:40