Last Updated: Monday, October 7, 2013, 22:41
ज़ी मीडिया ब्यूरो इलाहाबाद : केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह ने सोमवार को कहा कि तेलंगाना राज्य बनाने के फैसले पर पुनर्विचार करने की कोई गुंजाइश नहीं है और इस विषय पर हो रहे हिंसक प्रदर्शनों का समर्थन वे दल कर रहे हैं जिन्होंने पहले आंध्र प्रदेश के विभाजन का समर्थन किया था।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री आरपीएन सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा कि सरकार आंध्र प्रदेश के प्रस्तावित विभाजन और तेलंगाना के निर्माण पर पुनर्विचार नहीं करने जा रही। अविभाजित आंध्र प्रदेश के नाम पर हो रहे प्रदर्शनों की अगुवाई वे राजनीतिक दल कर रहे हैं, जिन्होंने पहले नए राज्य के विचार का समर्थन किया था। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में पर्याप्त सुरक्षा बंदोबस्त किये गये हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमने आंध्र प्रदेश के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में पर्याप्त सुरक्षा बंदोबस्त किये हैं और शांति भंग करने के किसी भी तरह के प्रयास पर सख्ती से निपटा जाएगा। सिंह ने कहा कि नये राज्य के निर्माण से प्रतिकूल असर पड़ने की लोगों की आशंकाओं पर ध्यान देने के लिए प्रधानमंत्री ने मंत्रिसमूह का गठन किया। लोगों की जो भी चिंता हैं, उन्हें जीओएम के समक्ष रखना चाहिए। द्रुत कार्य बल (आरएएफ) के 21 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित समारोह से इतर सिंह ने कहा कि सड़कों पर उतरने की कोई जरूरत नहीं है।
उधर, अपना दबाव बढ़ाने की कवायद के तहत सीमांध्र क्षेत्र के चार केंद्रीय मंत्रियों ने आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की और उनसे तेलंगाना के गठन के संदर्भ में वर्तमान परिस्थितियों में अपना इस्तीफा स्वीकार करने का आग्रह किया हालांकि उन्हें कोई आश्वासन नहीं मिला। मानव संसाधन विकास मंत्री एम एम पल्लम राजू, पर्यटन मंत्री के चिरंजीवी, रेल राज्य मंत्री सूर्य प्रकाश रेड्डी और वाणिज्य राज्य मंत्री डी पुरंदेश्वरी (सभी कांग्रेसी) ने आज प्रधानमंत्री से मुलाकात की ताकि वे अपना इस्तीफा स्वीकार करने के लिए दबाव बना सके। उन्होंने निर्णय किया कि वे कार्यालय नहीं जाएंगे। सिंह ने उनसे कहा कि वे उनके आग्रह पर विचार करेंगे।
First Published: Monday, October 7, 2013, 22:41