पूर्वोत्तर के संगठनों ने केंद्र की समिति को नकारा

पूर्वोत्तर के संगठनों ने केंद्र की समिति को नकारा

नई दिल्ली : नस्लीय भेदभाव के मामले में पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों की समस्याओं को समझने और उन्हें सुलझाने के उपाय बताने के लिए केन्द्र की ओर से गठित समिति को इन राज्यों के विभिन्न संगठनों ने अस्वीकार कार दिया है।

उन्होंने इस संदर्भ में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल द्वारा किए गए वादे को पूरा नहीं करने पर राज्य सरकार की भी आलोचना की। नगा स्टूडेंट एसोसिएशन के डी. अपाओ ने आज यहां संवाददाताओं से कहा कि भारत सरकार ने किसी सिविल सोसायटी समूह से सलाह लिए बगैर ही समिति गठित कर दी है, इसमें सिर्फ पूर्व नौकरशाह शामिल हैं । कोई महिला सदस्य नहीं है इसलिए हम समिति को अस्वीकार करते हैं और इसमें सुधार की मांग करते हैं।

उन्होंने अपने वादों पर खरा नहीं उतरने और राज्य स्तर पर ऐसी समिति गठित करने का बोझ भी पूर्वोत्तर के संगठनों पर डालने के लिए दिल्ली सरकार की आलोचना की। रॉयल त्रिपुरा फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रद्योत माणिक्य देबारमा ने कहा कि मैं आप के लोगों से पूछना चाहूंगा कि उन्होंने यह बोझ हमारे कंधे पर क्यों डाला है। आप हमेशा कहते हैं कि यह या वह करने से पहले हम जनता से पूछेंगे। कृपया कुछ निर्णय स्वयं भी ले लिया करें। (एजेंसी)

First Published: Monday, February 10, 2014, 20:48

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