Last Updated: Tuesday, October 29, 2013, 00:00

नई दिल्ली : चुनाव आयोग ने सोमवार को कहा कि यदि उपरोक्त में से कोई नही (नोटा) विकल्प चुनने वाले मतदाताओं की संख्या चुनाव में लड़ रहे उम्मीदवारों को मिले मतों को पार कर गयी तो सबसे ज्यादा मत पाने वाले प्रत्याशी को निर्वाचित घोषित कर दिया जायेगा।
आयोग ने कहा कि यदि प्रत्याशियों की संख्या भरे जाने वाले पदों की संख्या के बराबर हुई तो निर्वाचन अधिकारी को 1951 के जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 53 (2) के तहत उन सभी को उपयुक्त रूप से निर्वाचित घोषित करना होगा।
आयोग की विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘लोकसभा एवं विधानसभा चुनावों के मामले में यदि केवल एक उम्मीदवार चुनाव मैदान में हो तो उपरोक्त धारा 53(3) के प्रावधानों के अनुसार निर्वाचन अधिकारी को चुनाव लड़ रहे एकमात्र प्रत्याशी को निर्वाचित घोषित करना होगा।’’ चुनाव आयोग ने स्पष्टीकरण दिया कि चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों को वोट नहीं देने संबंधी नोटा विकल्प ऐसे मामलों में प्रासंगिक नहीं है।
उच्चतम न्यायालय द्वारा मतदाताओं को नोटा विकल्प दिये जाने के बाद से चुनाव आयोग आगामी विधानसभा चुनावों में मतदाताओं को यह विकल्प मुहैया करायेगा। अगले साल होने वाले आम चुनाव सहित भविष्य के सभी चुनावों में मतदाताओं को यह विकल्प मुहैया कराया जायेगा। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, October 29, 2013, 00:00