Last Updated: Monday, April 14, 2014, 23:36
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने सोमवार को कहा कि कोयला भंडार आवंटन से संबंधित मामला अदालत में विचाराधीन है और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के पास इस मामले में छुपाने के लिए कुछ नहीं है।
पीएमओ ने एक बयान में कहा कि मामला अदालत में विचाराधीन है और सरकार जांच एजेंसी की सहायता कर रही है। इस विषय में पहले काफी कुछ कहा जा चुका है, जो सार्वजनिक मंच पर उपलब्ध है। कानून अपना काम कर रहा है। सरकार के पास छुपाने के लिए कुछ नहीं है।
सोमवार की सुबह पूर्व कोयला सचिव पी.सी. पारेख ने कहा था कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कोयला आवंटन के लिए जिम्मेवार मंत्रियों को नियंत्रित करने के लिए कुछ नहीं किया। पारेख ने अपनी किताब `क्रुसेडर ऑर कंस्पिरेटर? कोलगेट एंड अदर ट्रथ` के विमोचन के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री जो बाद में उनके `राजनीतिक बॉस` बने और जिनके पास कोयला मंत्रालय का प्रभार था, उन्होंने कोयला आवंटन के लिए जिम्मेवार मंत्रियों को नियंत्रित करने के लिए कुछ नहीं किया। (एजेंसी)
First Published: Monday, April 14, 2014, 23:36