समलैंगिकता पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी निराश

समलैंगिकता पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी निराश

समलैंगिकता पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी निराशनई दिल्ली : समलैंगिक अधिकारों के मुद्दे पर उच्चतम न्यायलय के फैसले से उपजे विवाद के बीच कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने कहा कि उन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को उच्चतम न्यायालय द्वारा पलटे जाने से निराशा हुई है। उन्होंने साथ ही उम्मीद जतायी कि संसद इस मामले को सुलझाएगी।

संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि संसद इस मुद्दे का समाधान निकालेगी और भारत के सभी नागरिकों को संविधान द्वारा प्रदत्त जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार की रक्षा करेगी जिसमें वे नागरिक भी शामिल हैं जो इस फैसले से सीधे प्रभावित हुए हैं। सोनिया ने कहा कि उन्हें निराशा हुई है कि उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा समलैंगिकों के अधिकारों के मुद्दे पर दिए गए पिछले फैसले को पलट दिया है लेकिन उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि उच्चतम न्यायालय ने एक दूसरा उपाय भी सुझाया है। निश्चित रूप से वह विधेयक के विकल्प का जिक्र कर रही थीं।


उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने एक दमनकारी और अन्यायपूर्ण कानून को खत्म कर दिया था जो संविधान में प्रदत्त मूलभूत मानवाधिकारों का हरण करता था। सोनिया गांधी ने एक बयान में कहा कि संविधान ने हमें एक महान विरासत दी है। उदारवाद और खुलेपन की विरासत दी है जो हमें किसी भी प्रकार के पूर्वाग्रहों और भेदभाव का मुकाबला करने के लिए आपस में जोड़ती है। उन्होंने कहा कि हमें इस बात पर गर्व है कि हमारी संस्कृति हमेशा से समग्रता और सहिष्णुता की रही है।

गौरतलब है कि समलैंगिक समुदाय को एक तगड़ा झटका देते हुए उच्चतम न्यायालय ने कल उच्च न्यायालय के फैसले को पलटते हुए इसे आपराधिक दंड संहिता के तहत एक गैरकानूनी कृत्य करार दिया था और कानून में संशोधन के लिए गेंद संसद के पाले में डाल दी थी। (एजेंसी)

First Published: Thursday, December 12, 2013, 14:19

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