Last Updated: Tuesday, December 17, 2013, 21:58
नई दिल्ली : अकादमी वर्ष 2015-16 से स्नात्कोत्तर मेडिकल पाठ्यक्रम के लिए आवेदन करने वाले एमबीबीएस के छात्रों को ग्रामीण क्षेत्र में सार्वजनिक स्वास्थ्य केन्द्र (पीएचसी) पर एक वर्ष अनिवार्य रूप से काम करना होगा। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने राज्यसभा को आज एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि भारतीय चिकित्सा परिषद :एमसीआई: के स्नात्कोत्तर मेडिकल शिक्षा विनयमन 2000 में संशोधन के प्रस्ताव को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा मंजूरी दिये जाने के बाद यह प्रभावी हुआ है। मंत्री ने कहा कि देश में डॉक्टरों की संख्या में कमी है और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 2,489 डॉक्टरों की कमी है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 17, 2013, 21:58