सिर्फ ममता का समर्थन कर रहा हूं, किसी राजनीतिक दल का नहीं: अन्ना हजारे

सिर्फ ममता का समर्थन कर रहा हूं, किसी राजनीतिक दल का नहीं: अन्ना हजारे

सिर्फ ममता का समर्थन कर रहा हूं, किसी राजनीतिक दल का नहीं: अन्ना हजारे नई दिल्ली : लोकसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के समर्थन का ऐलान करने के कुछ ही घंटों बाद समाजसेवी अन्ना हजारे ने बुधवार को सफाई दी कि वह किसी राजनीतिक दल को नहीं, बल्कि एक व्यक्ति को समर्थन दे रहे हैं। ज्यादा विस्तार में गए बिना अन्ना ने कहा कि मैं उनका (ममता का) समर्थन कर रहा हूं पर किसी राजनीतिक दल का नहीं।

अन्ना ने कहा कि वह ममता का समर्थन इस वजह से कर रहे हैं क्योंकि वह उनके ‘17 सूत्री एजेंडा’ को लागू करने पर सहमत हैं। अन्ना के ‘17 सूत्री एजेंडा’ में भ्रष्टाचार पर लगाम, केंद्र की सत्ता में ममता के आने पर ज्यादा पारदर्शिता लाने, भूमि अधिग्रहण, खुदरा क्षेत्र में एफडीआई, न्यायिक जवाबदेही विधेयक और काला धन वापस लाने सहित कई अन्य मुद्दे हैं।

प्रख्यात समाजसेवी ने कहा कि साल 2014 के चुनावों के बाद भी मैं किसी राजनीतिक दल का समर्थन नहीं करूंगा। मैं सिर्फ अपने देश की सेवा करना चाहता हूं और किसी भी ऐसे व्यक्ति का समर्थन करूंगा जो ऐसी कोशिशें करे पर मैं कभी किसी राजनीतिक दल का समर्थन नहीं करूंगा। अन्ना ने कहा कि मैंने जिन 17 बिंदुओं का जिक्र किया है यदि उन्हें लागू कर दिया गया तो देश में काफी सकारात्मक बदलाव आ जाएगा।

उन्होंने इस सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया कि ममता, अरविंद केजरीवाल और नरेंद्र मोदी में देश के लिए सबसे बेहतर नेता कौन साबित होगा। हजारे ‘इज इट पुलिस? कनफेशंस ऑफ ए टॉप कॉप’ नाम की एक किताब के विमोचन अवसर पर ये बातें बोल रहे थे। यह किताब आंध्र प्रदेश कैडर के 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी विनय कुमार सिंह ने लिखी है जो हैदराबाद में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) के पद पर तैनात हैं। इस मौके पर दिल्ली पुलिस के पूर्व आयुक्त नीरज कुमार भी मौजूद थे।

कुमार से जब पूछा गया कि क्या राजनीति में आने की उनकी कोई योजना है, इस पर उन्होंने कहा कि मैं वह विकल्प खुला रखना चाहूंगा। मैंने इस पर अभी विचार नहीं किया है, पर यदि ऐसी कोई पेशकश की जाती है तो मैं इसके बारे में सोचूंगा। अपनी किताब में विनय कुमार सिंह ने एक पुलिस अधिकारी के तौर पर अपने 27 साल के तजुर्बे के बारे में लिखा है। उन्होंने पुलिस के पेशे के कुछ नकारात्मक पहलुओं को भी अपनी किताब में उजागर किया है। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, February 19, 2014, 23:08

comments powered by Disqus