Last Updated: Wednesday, October 9, 2013, 19:40

नई दिल्ली : सरकारी सूत्रों ने बुधवार को कहा कि कश्मीर घाटी के केरन सेक्टर में आतंकवादियों की घुसपैठ की ताजा घटना में पाकिस्तानी थलसेना की भूमिका ‘स्पष्ट’ है। हालांकि, उन्होंने इस घटना की कारगिल की वारदात से तुलना को खारिज कर दिया।
सूत्रों ने कहा कि एक और ‘कारगिल’ कह कर घटना को काफी बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है। उन्होंने ऐसे दुष्प्रचार को ‘आदतन मजबूर होने का सही उदाहरण’ करार दिया। भारतीय थलसेना ने संदिग्ध पाकिस्तानी विशेष बलों द्वारा समर्थित आतंकवादियों की ओर से बड़े पैमाने पर की गयी घुसपैठ को नाकाम कर दिया है। कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास केरन सेक्टर में 15 दिन चले अभियान को भारतीय थलसेना ने कल पूरा किया था। इस घटना को 1999 में कारगिल की घटना के बाद सबसे बड़ी घुसपैठ बताया जा रहा है।
इस घटना में पाकिस्तानी थलसेना की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर सूत्रों ने कहा कि यह स्पष्ट है क्योंकि पाकिस्तानी थलसेना द्वारा कम से कम एक बार शामिल हुए बगैर नियंत्रण रेखा पर ऐसा कुछ भी नहीं हो सकता। यह स्पष्ट है। वरना वे अंदर आते कैसे, वे दाखिल कैसे हुए।
सूत्रों ने कहा कि यह एक घुसपैठ थी। पर मुद्दे को काफी बढ़ाचढ़ा कर पेश किया गया और कुछ लोगों ने तो इसे एक और कारगिल तक करार दे दिया। हमें याद रखना चाहिए कि यह महज एक घुसपैठ थी जिसका हमारे सशस्त्र बलों ने करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें रोका गया, उनके ठिकाने से उन्हें पीछे धकेल दिया गया और पूरे मामले को काफी प्रभावी तरीके से संभाल लिया गया। उन्होंने (घुसपैठियों ने) बार-बार कोशिश की पर उन्हें प्रभावी तरीके से जवाब दिया गया।
सूत्रों ने कहा कि लोगों ने यहां तक कहना शुरू कर दिया कि आतंकवादियों ने स्थायी मौजूदगी कायम कर ली है और यह कोई छोटी घुसपैठ नहीं है। पर यदि कोई पूरी वारदात पर गौर करे, तो विभिन्न सेक्टरों में विभिन्न मामले हुए। इसमें कारगिल जैसा कुछ भी नहीं था। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि पिछले चार दिनों से न कोई फायरिंग हुई और न कोई घटना हुई है। सूत्रों ने कहा कि अलग-अलग घटनाएं हुईं जिसे एक साथ मिला दिया गया और इस तरह पेश किया गया जैसे यह एक बहुत बड़ी घटना थी। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, October 9, 2013, 19:40