मनमोहन सिंह की यात्रा का स्वागत करने को इच्छुक पाक

मनमोहन सिंह की यात्रा का स्वागत करने को पाक इच्छुक

मनमोहन सिंह की यात्रा का स्वागत करने को पाक इच्छुकइस्लामाबाद : पाकिस्तान ने शुक्रवार को कहा कि वह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की यात्रा का स्वागत करेगा, जिन्होंने अगले चार महीनों में इस पड़ोसी मुल्क की यात्रा करने की उम्मीद जताई है।

विदेश विभाग की प्रवक्ता तसनीम असलम ने बताया कि भारत के प्रधानमंत्री को पाकिस्तान आने के लिए दिया गया न्योता स्वीकार हो गया है जो लंबित था।

उन्होंने एक साप्ताहिक न्यूज ब्रीफिंग में कहा, ‘‘फिलहाल इस यात्रा के लिए हमने कोई समय नहीं तय की है। पर, बेशक हम यात्रा का स्वागत करेंगे।’’ सिंह नई दिल्ली में जब संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे तब उनसे पूछा गया कि उन्होंने प्रधानमंत्री पद के अपने कार्यकाल के दौरान कभी पाकिस्तान की यात्रा क्यों नहीं की?

इस पर, उन्होंने जवाब दिया, ‘‘प्रधानमंत्री का अपना कार्यकाल पूरा करने से पहले मैंने अभी तक वहां जाने की उम्मीद नहीं छोड़ी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान जाना मैं बहुत पसंद करूंगा। मेरा जन्म जिस गांव में हुआ वह अब पश्चिमी पंजाब (पाकिस्तान) का हिस्सा है लेकिन देश का प्रधानमंत्री होने के नाते मुझे उस वक्त पाकिस्तान जाना चाहिए जब ठोस नतीजे हासिल करने के लिए उपयुक्त परिस्थितियां हो।’’

पाकिस्तानी विदेश विभाग ने जोर देकर कहा है कि द्विपक्षीय समग्र वार्ता को फिर से शुरू करने की जरूरत है जो पिछले साल जनवरी में नियंत्रण रेखा पर एक भारतीय सैनिक का सिर कलम किए जाने के बाद रोक दी गई थी। तसनीम ने बताया कि हम जल्द से जल्द वार्ता फिर से शुरू कर सकते हैं। औपचारिक या अनौपचारिक बातचीत जारी है।

पाकिस्तान उम्मीद कर रहा है कि दोनों देशों के वाणिज्य मंत्री और वाणिज्य सचिव भारत में आगामी दक्षेस बैठक से इतर अपने-अपने विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान रेंजर्स और बीएसएफ ने एक लंबी और व्यापक बातचीत की थी। नियंत्रण रेखा पर शांति और स्थिरता के उपायों पर पहले ही सहमति हो चुकी है। लेकिन सतत वार्ता के लिए हमें समग्र वार्ता को बहाल करना होगा।

उन्होंने दावा किया कि भारत में कैद पाकिस्तानियों के बारे में दोनों देशों के आधिकारिक आंकड़ों में अंतर है। तसनीम ने कहा है कि इस मुद्दे को हम दिल्ली स्थित अपने उच्चायोग के जरिए उठा रहे हैं। दोनों देशों ने कैदियों की सूची 1 जनवरी को एक-दूसरे को सौंपी थी।

उन्होंने बताया कि दोनों देश साल में दो बार कैदियों की सूची एक दूसरे को सौंपते हैं क्योंकि यह दोनों देशों के लिए चिंता का विषय है। (एजेंसी)

First Published: Friday, January 3, 2014, 21:36

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