बिड़ला को लाभ पहुंचाने के लिए पारेख ने फैसला पलटा : सीबीआई

बिड़ला को लाभ पहुंचाने के लिए पारेख ने फैसला पलटा : सीबीआई

बिड़ला को लाभ पहुंचाने के लिए पारेख ने फैसला पलटा : सीबीआई नई दिल्ली : सीबीआई ने तत्कालीन पूर्व कोयला सचिव पी सी पारेख पर पद के दुरपयोग का आरोप लगाया है। जांच एजेंसी द्वारा दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि तत्कालीन कोयला सचिव पारेख ने हिंडाल्को को कोयला ब्लाक आवंटन रद्द करने का फैसला ‘बिना किसी वैध आधार तथा परिस्थितियों में किसी तरह का बदलाव नहीं आने के बावजूद किया, जिससे पता चलता है कि उन्होंने कंपनी को अनुचित लाभ पहुंचाया।

सीबीआई ने 2005 में तालाबीरा दो और तीन कोयला ब्लाकों के आवंटन से संबंधित एफआईआर में पारेख, आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला तथा हिंडाल्को का नाम शामिल किया है। इन लोगों पर आपराधिक साजिश और सरकारी अधिकारियों द्वारा आपराधिक दुराचार के आरोप लगाए गए हैं।

जांच एजेंसी ने कहा है कि पारेख की अध्यक्षता में हुई जांच समिति की 25वीं बैठक में वैध वजह बताते हुए हिंडाल्को तथा इंडाल इंडस्ट्रीज के तालाबीरा दो तथा तीन में खनन संबंधी आवेदन खारिज कर दिए गए थे। जांच समिति की सिफारिशों के आधार पर इन कोयला ब्लाकों का आवंटन सार्वजनिक क्षेत्र की महानदी कोलफील्ड्स तथा नेवेली लिग्नाइट को किया गया था।


एफआईआर में कहा गया है कि इन सिफारिशों को ‘सक्षम अधिकारियों के समक्ष रखा गया, जिसने पारेख से सहमति जताई। पारेख ने बाद में 16 जून, 2005 व 15 जुलाई, 2005 को इन सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों को कोयला ब्लाक आवंटन का पत्र जारी किया।

सीबीआई ने कहा है कि इसके कुछ दिन बाद ही पारेख तथा बिड़ला के बीच ‘बैठक’ हुई जिसमें उद्योगपति ने तालाबीरा दो कोयला ब्लाक आवंटन का आग्रह किया।

सीबीआई ने आरोप लगाया है कि इसके बाद पारेख ने अपने पद का दुरपयोग करते हुए तालाबीरा दो और तालाबीरा तीन कोयला ब्लाक का आवंटन हिंडाल्को इंडस्ट्रीज तथा दो अन्य कंपनियों को करने की सिफारिश की। हालांकि इसका कोई उचित आधार नहीं था और न ही परिस्थितियों में बदलाव हुआ था। जांच एजेंसी के एफआईआर में कहा गया है कि इससे पता चलता है कि पारेख का मकसद हिंडाल्को इंडस्ट्रीज को अनुचित लाभ पहुंचाने का था। (एजेंसी)



First Published: Wednesday, October 16, 2013, 21:42

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