Last Updated: Friday, October 25, 2013, 19:42
नई दिल्ली : हिंडाल्को को कोल ब्लॉक आवंटन से पैदा हुए विवाद के बीच पूर्व केंद्रीय कैबिनेट सचिव बीके चतुर्वेदी ने आज कहा कि तत्कालीन कोयला सचिव पीसी पारेख एक ‘ईमानदार’ अधिकारी थे और इसी वजह से उनकी सेवानिवृति तक उन्हें उस पद पर बरकरार रखा गया था।
पारेख को यह ‘क्लीन चिट’ ऐसे समय में दी गयी है जब तत्कालीन कोयला सचिव पारेख की ओर से लिखा गया एक पत्र सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि कोयला माफिया ‘सरकार के बाहर नहीं’ है। हिंडाल्को से जुड़े मामले में सीबीआई द्वारा दर्ज की गयी प्राथमिकी में नामजद आरोपी बनाए गए पारेख ने उस वक्त कोयला मंत्री रहे शिबू सोरेन के आरोपों का जवाब दिया था। सोरेन कोयला मंत्रालय के सचिव पद से पारेख का तबादला करवाना चाहते थे।
योजना आयोग के सदस्य के तौर पर सेवाएं दे रहे चतुर्वेदी ने आज संवाददाताओं से कहा, ‘मैं पारेख को बेहद ईमानदार अधिकारी मानता हूं।’ पारेख द्वारा लिखे गए पत्र के बाबत चतुर्वेदी ने कहा कि उनके खिलाफ शिकायतें मिली थीं और इसलिए उन्हें अपना पक्ष रखने को कहा गया था।
चतुर्वेदी ने कहा, ‘लिहाजा उन्होंने चिट्ठी के जरिए अपनी बात कही। उस आधार पर हमें पारेख के खिलाफ की गयी शिकायतों में कोई दम नजर नहीं आया और उन्हें खारिज कर दिया गया। मुझे भली-भांति याद है कि लोग पारेख साहब को हटवाना चाहते थे और हमने यह सुनिश्चित किया कि वह सेवानिवृत्ति तक अपने उस पद पर रहें।’ (एजेंसी)
First Published: Friday, October 25, 2013, 19:42