Last Updated: Friday, October 18, 2013, 21:07

नई दिल्ली : पूर्व कोयला सचिव पीसी पारेख पहले खारिज करने के बाद हिंडाल्को को कोयला ब्लॉक के आवंटित करने के कारणों को स्पष्ट करने में विफल रहे हैं। सीबीआई ने शुक्रवार को इस बात के संकेतों के बीच दावा किया कि एजेंसी कोयला ब्लॉक घोटाला मामले में जल्द ही नए मामले दर्ज करेगी।
एजेंसी के 29 अक्तूबर से पहले और मामले दर्ज करने की संभावना है, जब वह उच्चतम न्यायालय के समक्ष स्थिति रिपोर्ट दायर करेगी। सीबीआई 1993 के बाद से कोयला ब्लॉकों के आवंटन से संबंधित समूचे मामले की जांच कर रही है।
14 प्राथमिकियां दर्ज किए जाने के बाद सीबीआई अब भी 1993 से 2004, 2006 से 2009 के बीच कोयला ब्लॉकों के आवंटन और 1993 से ‘सरकारी वितरण श्रेणी’ के तहत सरकारी कंपनियों द्वारा संयुक्त उपक्रम का गठन करने के लिए ठेका देने के संबंध में अब भी तीन प्राथमिक जांच कर रही है। एजेंसी में उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि पारेख से हिंडाल्को के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने के पहले पूछताछ की गई। इस दौरान उनसे कंपनी के आवेदन को पहले खारिज करने के फैसले को पलटने का कारण पूछा गया था।
सूत्रों ने दावा किया कि पारेख इस बात को स्पष्ट नहीं कर सके कि किन परिस्थितियों में उन्होंने अपनी राय बदली और हिंडाल्को को ओड़िशा में तालाबीरा दो और तीन कोयला ब्लॉकों का हिस्सा देने की अनुमति दी। ये कोयला ब्लॉक पीएसयू महानदी कोलफील्ड और नेयवेली लिग्नाइट को आवंटित किए गए थे और इसलिए उनका नाम प्राथमिकी में शामिल किया गया था। पारेख ने कहा है कि फैसले में कुछ भी गलत नहीं है क्योंकि हिंडाल्को पहली आवेदक थी और कोयला ब्लॉक हासिल करने के लिए समान रूप से सक्षम थी। (एजेंसी)
First Published: Friday, October 18, 2013, 21:07