Last Updated: Thursday, February 6, 2014, 20:34
नई दिल्ली : संसद की एक समिति ने गुरुवार को कहा कि देश की सांस्कृतिक संस्थाएं पेशेवर लोग नहीं चलाते इसलिए अकादमियों, संग्रहालयों और ऐसे अन्य प्रतिष्ठानों को चलाने के लिए ‘सांस्कृतिक कैडर’ बनाने की जरूरत है।
परिवहन, पर्यटन एवं संस्कृति संबंधी संसद की स्थायी समिति की संसद में पेश रिपोर्ट में कहा गया कि नियमित प्रशासनिक कैडर से अलग एक सांस्कृतिक कैडर बनाने की जरूरत है जो अकादमियों, संग्रहालयों और अन्य सांस्कृतिक संस्थानों को देखे।
सीताराम येचुरी की अध्यक्षता वाली समिति ने कहा कि ऐसे कैडर को कला क्षेत्र में शिक्षित करने के लिए पाठयक्रम होने चाहिए ताकि वे रंगमंच, संगीत, कविता और साहित्य, पेंटिंग, मूर्तिकला और वास्तुकला की समझ विकसित कर सकें।
समिति ने कहा कि कला प्रशासन का पाठयक्रम भी नियमित शिक्षा का हिस्सा होना चाहिए या फिर मानव संसाधन विकास और संस्कृति मंत्रालयों के तहत विशेष पाठयक्रम बनाने चाहिए ताकि हमारे सांस्कृतिक संस्थानों का प्रशासन संभालने के लिए सही व्यक्ति का चयन हो सके। समिति ने सरकार से सिफारिश की है कि वह सांस्कृतिक कैडर बनाने के बारे में गंभीरता से विचार करे। (एजेंसी)
First Published: Thursday, February 6, 2014, 20:34