Last Updated: Tuesday, February 11, 2014, 17:05

नई दिल्ली : तेलंगाना और अन्य मुद्दों को लेकर संसद की कार्यवाही मंगलवार को लगातार पांचवें दिन बाधित रही और दोनों ही सदनों में कोई खास कामकाज नहीं हो सका। लोकसभा जहां एक बार के स्थगन के बाद मध्याहन में पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई, वहीं राज्यसभा की बैठक तीन बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी।
हंगामे के बीच ही राज्यसभा में दो और लोकसभा में एक विधेयक पेश किया गया। उच्च सदन में एक विधेयक पर चर्चा होनी थी लेकिन हंगामे के कारण नहीं हो पायी। दोनों ही सदनों में सदस्यों ने अपनी अपनी मांगों को लेकर आसन के सामने नारेबाजी की। सुबह लोकसभा की बैठक शुरू होते ही हंगामा चालू हुआ और बैठक मध्याहन तक स्थगित की गई। इससे पहले सदस्यों ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल में अलग अलग दुर्घटनाओं में मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि दी।
मध्याहन बैठक फिर शुरू होने पर अलग अलग पार्टियों के 40 से अधिक सदस्य आसन के सामने आकर नारेबाजी करने लगे। इनमें तेलंगाना के गठन और तमिल मछुआरों की दशा से जुडी मांगें भी थीं। अध्यक्ष मीरा कुमार ने नारेबाजी के बीच ही भीमराव अंबेडकर स्मारक के लिए मुंबई में कुछ भूखंड अधिगृहीत करने का प्रावधान करने वाला विधेयक पेश कराया और अन्य जरूरी कागजात सदन पटल पर रखवाये। हंगामा थमता नहीं देख अध्यक्ष ने बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले हंगामे के बीच ही कांग्रेस सदस्य थोकचोम मेनिया ने दिल्ली सहित देश के विभिन्न हिस्सों में पूर्वोत्तर के लोगों पर हमलों का मुद्दा उठाया। उन्होंने सरकार से इस तरह की घटनाएं रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई करने की मांग की। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 11, 2014, 17:05