तेलंगाना बिल का पास होना इतिहास का काला दिन : जगनमोहन | Jganmohan

तेलंगाना बिल का पास होना इतिहास का काला दिन : जगनमोहन

तेलंगाना बिल का पास होना इतिहास का काला दिन : जगनमोहनज़ी मीडिया ब्यूरो

नई दिल्ली : वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष जगनमोहन रेड्डी ने लोकसभा में तेलंगाना विधेयक के पास होने को इतिहास का काला दिन करार दिया है। रेड्डी ने मंगलवार को कहा कि सदन की राय जाने बगैर बिल पर फैसला सुना दिया गया। रेड्डी ने कहा कि दिन के उजाले में लोकतंत्र की हत्या कर दी गई। वाईएसआर कांग्रेस ने बुधवार को आंध्र प्रदेश बंद का आह्वान किया है। तेलंगाना बिल पास होने की खुशी में हैदराबाद हाउस के बाहर तेलंगाना समर्थक जश्न में मशगूल हो गए हैं। तेलंगाना बिल को राज्यसभा में बुधवार को पेश किया जाएगा।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन किरण रेड्डी तेलंगाना विधेयक के खिलाफ बुधवार को इस्तीफा देंगे। लोकसभा में तेलंगाना बिल के पास हो जाने के बाद अब इस बिल को बुधवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। बिल पर संशोधनों के समय जद-यू ने सदन से वाकआउट किया। तेलंगाना बिल पर आए संशोधनों पर मतदान को सुचारु रूप से चलाने के लिए सदन में मार्शल बुला लिए गए थे। सरकार को आशंका थी कि संयुक्त आंध्र का समर्थन करने वाले सांसद कार्यवाही में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं। यही नहीं, मतदान के दौरान लोकसभा टीवी चैनल का सीधा प्रसारण भी रोक दिया गया।

इस बीच, जदयू के शरद यादव ने कहा है कि उन्होंने राज्य का ऐसा बंटवारा नहीं देखा है।

इससे पहेल आज केंद्र सरकार ने मंगलवार को विवादास्पद तेलंगाना विधेयक चर्चा और पारित कराने के लिए लोकसभा में पेश किया लेकिन विधेयक का विरोध कर रहे विभिन्न दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बार बार स्थगित होने के चलते विधेयक पर चर्चा नहीं हो सकी। तीन बजे जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तब चर्चा शुरू हुई। संसद के भीतर और बाहर तेलंगाना के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों को नजरअंदाज कर केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक 2014 लोकसभा में पेश किया। हालांकि कुछ केंद्रीय मंत्रियों समेत सीमांध्र के सांसद राज्य के बंटवारे का विरोध करते हुए आसन के समक्ष नारेबाजी कर रहे थे।

ये सदस्य एकीकृत आंध्र के पक्ष में नारे लगा रहे थे और उनके हाथों में इससे संबंधित पर्चे भी थे। केंद्रीय मंत्री चिरंजीवी, डी पुरंदेश्वरी और के एस राव भी तेलंगाना के विरोध में आसन के समक्ष खड़े थे।

तेलंगाना मुद्दे पर संसद में लंबे समय से चल रहे हंगामे के बीच ऐसा पहली बार हुआ कि माकपा सदस्य भी तेलंगाना के गठन के खिलाफ अन्य सांसदों के साथ आसन के समक्ष आ गए। उनके हाथों में राज्य के बंटवारे का विरोध करते हुए प्लेकार्ड थे। उनकी मांग थी कि विधेयक को बिना बहस के पारित नहीं किया जाना चाहिए।

गौरतलब है कि क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले कांग्रेस , तेदेपा और वाईएसआर कांग्रेस के 16 सदस्यों को पिछले गुरूवार को इस मुद्दे पर हंगामा किए जाने के कारण 20 फरवरी तक सदन से निलंबित कर दिया गया था। कांग्रेस से निष्कासित सदस्य एल राजगोपाल ने पिछले गुरूवार को लोकसभा में सदस्यों की नारेबाजी के बीच मिर्च स्प्रे का छिड़काव कर बड़ी अफरातफरी मचा दी थी। इस विधेयक को 13 फरवरी को भारी हंगामे के बीच पेश किया गया था लेकिन कई राजनीतिक दलों ने इसे पेश हुआ मानने से इनकार कर दिया था। (एजेंसी इऩपुट के साथ)

First Published: Tuesday, February 18, 2014, 17:02

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