पितृत्व विवाद: सुनवाई 8 सप्ताह आगे बढ़ाना चाहते हैं तिवारी

पितृत्व विवाद: सुनवाई 8 सप्ताह आगे बढ़ाना चाहते हैं तिवारी

नई दिल्ली : पितृत्व विवाद में घिरे कांग्रेस के वयोवृद्ध नेता एनडी तिवारी को जिरह के लिए 8 अक्तूबर को अदालत में पेश होना है, लेकिन उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल कर इस मामले की सुनवाई आठ सप्ताह के लिए मुल्तवी करने का आग्रह किया है।

अपनी इस याचिका में 88 वर्षीय तिवारी ने अपनी पूछताछ को मुल्तवी करने का आग्रह करते हुए कहा कि उनके हृदय रोग का उपचार चल रहा है और इस कारण वह लखनउ से दिल्ली जाने में असमर्थ हैं। याचिका में उन्होंने कहा, ‘मुझे परिश्रम और यात्रा से बचने की सलाह दी गई है।’ साथ ही इसमें कहा गया है कि तिवारी के 83 वर्षीय छोटे भाई अस्पताल में भर्ती है।

इस मामले में साक्ष्यों की दैनिक आधार पर रिकार्डिंग के लिए उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त स्थानीय आयुक्त एस एम चोपड़ा के समक्ष तिवारी को आठ अक्तूबर को पेश होना है। तिवारी की इस याचिका पर सोमवार को सुनवाई होने की संभावना है। इससे पहले 18 सितंबर को उच्च न्यायालय ने तिवारी की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने अदालत परिसर की बजाए किसी अन्य जगह पर जिरह कराने का आग्रह किया था।

तिवारी का कहना है कि वह 32 वर्षीय रोहित शेखर के पिता नहीं है, लेकिन उच्च न्यायालय ने उन्हें अपने इस दावे के पक्ष में सुबूत पेश करने से भी रोक दिया था। वह इस मामले को अदालत के बाहर निपटाने से भी अब तक इनकार करते रहे हैं। उनका कहना है कि चिकित्सीय साक्ष्यों के सौ फीसद सही नहीं होने की भी संभावना रहती है।

इस मामले में पिछले वर्ष 27 जुलाई को उच्च न्यायालय में पेश डीएनए रिपोर्ट के मुताबिक, तिवारी को ही शेखर का जैविक पिता बताया गया था। इस मामले में उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद तिवारी ने 29 मई को देहरादून स्थित अपने आवास पर रक्त का नमूना दिया था। गौरतलब है कि वर्ष 2008 में शेखर ने एक याचिका दायर कर दावा किया था कि वयोवृद्ध कांग्रेस नेता तिवारी ही उसके जैविक पिता है, हालांकि तिवारी उसके इस दावे को खारिज करते रहे हैं। (एजेंसी)

First Published: Sunday, October 6, 2013, 14:33

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