केंद्र सरकार में बदलाव चाहते हैं लोग: ज़ी-तालीम पोल सर्वे

केंद्र सरकार में बदलाव चाहते हैं लोग: ज़ी-तालीम पोल सर्वे

केंद्र सरकार में बदलाव चाहते हैं लोग: ज़ी-तालीम पोल सर्वेज़ी मीडिया ब्‍यूरो

नई दिल्‍ली : दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में नई सरकार के गठन को लेकर मतदान की तैयारी परवान चढ़ चुकी है। अप्रैल और मई के महीने आम चुनाव की तारीखें तय होने के साथ ही सभी प्रमुख राजनीतिक दल चुनाव पूर्व की तैयारियों, रैलियों और नए गठजोड़ में जुटी हैं।

कहने की जरूरत नहीं, लोकसभा चुनाव एक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रुचि का विषय है जिसका भारतीय लोकतंत्र के लिए दूरगामी परिणाम, आर्थिक उदारीकरण की प्रक्रिया और देश के सतत आर्थिक विकास से जुड़ा होता है। आज उठाया जा रहा सबसे बड़ा सवाल यह कि बदले राजनीतिक हालात, महंगाई और राजनीतिक भ्रष्टाचार के निरंतर खुलासे के बीच वोटर कैसे स्थितियों का आकलन करता है और चुनाव प्रक्रिया में अपना रुख जाहिर करता है। इन्‍हीं वोटरों के पास निर्धारण करने की असली ताकत है जो यह तय करेगा कि किस पार्टी को सत्ता में लौटना चाहिए।

मतदाताओं के मूड का आकलन करने के लिए जी न्यूज ने तालीम रिसर्च फाउंडेशन के माध्यम से एक सर्वेक्षण करवाया। इसका उद्देश्‍य उन मुख्य मुद्दों को आंकना था जिन्‍हें मतदान करते समय ध्‍यान रखा जाएगा, लोगों के मतों के साथ जोड़े जाने वाले मूल्‍य, अर्थव्‍यवस्‍था की हालत पर उनके विचार, विभिन्‍न राजनीतिक दलों की तरफ वोटरों के झुकाव और अन्‍य प्रमुख मुद्दे।

उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए एक सर्वेक्षण पद्धति को अपनाया गया ताकि प्रारंभिक मूड, परिवर्तन और मौजूदा चुनावी फैसले को आंका जा सके। इस प्रक्रिया में उत्तरदाताओं (मतदाताओं) का चयन बहुस्‍तरीय स्तरीकृत क्रमरहित आदर्श प्रक्रिया के माध्यम से किया गया था।
पहले स्तर पर, देश भर के पांच क्षेत्रों (लगभग राज्य दायरे में) के सामान्‍य, अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणियों के 56 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों क्रमरहित रेखांकित किया गया।

इस सर्वेक्षण में हरसंभव तरीके से संबंधित राज्‍यों के लोकसभा सीटों की संख्या के अनुपात में न्यूनतम 10 प्रतिशत संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों का चयन किया गया था। दूसरे स्तर पर, प्रत्‍येक लोकसभा क्षेत्र में दो विधानसभा क्षेत्रों का क्रमरहित ढंग से चयन किया गया। इस तरह कुल 112 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों का इस सर्वेक्षण के लिए चयन किया गया।

तीसरे स्तर पर, प्रत्येक विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के भीतर चार मतदान केंद्रों का चयन किया गया था। इस तरह, प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में आठ मतदान केंद्रों का चयन किया गया। चौथे स्तर पर, 30 उत्तरदाताओं (मतदाताओं) को बतौर सैंपल जिनका नाम पोलिंग बूथ सूची में छपी था, का निर्धारण हर मतदान बूथ पर एक निश्चित सैंपलिंग अंतराल का उपयोग कर किया गया।

भारतीय निर्वाचन आयोग के वेबसाइट के जरिये 2013 के अद्यतन चुनावी सूची का प्राप्‍त किया गया और उसके माध्‍यम से उत्तरदाताओं (मतदाताओं) के सैंपल का निर्धारण किया गया। सर्वेक्षण के साधनों (प्रक्रिया) को शुरू में हिंदी में तैयार किया गया। इसमें संशोधन और ज़ी न्यूज के अधिकारियों की ओर से अनुमोदन के बाद राज्‍य प्रभारी, क्षेत्रीय प्रभारी और तालीम के स्टाफ की तरफ से इसका सभी प्रादेशिक भाषाओं और अंग्रेजी में अनुवाद किया गया था। प्रभावी ढंग से, पहला डाटा संग्रह 19 से 24 फरवरी, 2014 के बीच गुजरात में किया गया।

हालांकि, अन्य राज्यों में प्रभावी ढंग से डाटा संग्रह की शुरुआत 23 फरवरी से शुरू की गई जो 2 मार्च, 2014 तक जारी रहा।
हर राज्य में, डाटा संग्रह करने की शुरुआत राज्‍य प्रभारी या क्षेत्रीय प्रभारी की ओर से की गई। डाटा संग्रह शुरू करने से इन्‍होंने क्षेत्र के जांचकर्ताओं को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया। क्षेत्रीय पर्यवेक्षक की देखरेख में प्रशिक्षित जांचकर्ताओं ने मतदाताओं की मातृभाषा के अनुसार आंकड़ों का संग्रह किया। एक समान सर्वेक्षण साधन का इस्तेमाल आंकड़ों के संग्रह के लिए किया गया था।

पूरे डाटा (आंकड़ों) को कंप्यूटरीकृत किया गया था। जी न्यूज की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए और एसपीएसएस 12 का उपयोग करके इसका विश्लेषण किया गया था।




आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके आम चुनाव 2014 से संबंधित इस सर्वेक्षण को विस्‍तृत ढंग से पढ़ें

First Published: Thursday, March 13, 2014, 23:02

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