Last Updated: Friday, October 18, 2013, 14:23
ज़ी मीडिया ब्यूरोकानपुर/इलाहाबाद/चेन्नई : गुजरात के मुख्यमंत्री और भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की रैली पर होने वाले महाभारत पर दो अलग-अलग अदालतों ने अपने फैसले से विराम लगा दिया है। मोदी के खिलाफ दो अलग-अलग जनहित याचिका दायर की गई थी जिसमें एक याचिका कानपुर रैली को लेकर थी जिसे इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर किया गया है और दूसरी याचिका मद्रास यूनिवर्सिटी कैंपस में आयोजित एक कार्यक्रम में शुक्रवार को भाग लेने को लेकर दाखिल की गई थी। दोनों जगहों की अदालतों ने जनहित याचिका को खारिज कर दिया।
भाजपा नेताओं के दबाव और मीडिया में मामला उछलने के बाद जिला प्रशासन ने कानपुर में 19 अक्तूबर को उत्तर प्रदेश में होने वाली नरेन्द्र मोदी की पहली रैली के लिए उनके हेलीकॉप्टर को उतरने के लिए हेलीपैड की अनुमति तो मिल गई थी लेकिन दूसरी तरफ दलित समुदाय के कुछ लोगों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में रैली को रोकने के लिए अर्जी दी जिसे कोर्ट ने शुक्रवार दोपहर खारिज कर दिया।
आयोजन स्थल के मालिकों में शामिल दलित महिला सुनील कुमारी ने यह याचिका लगाई है। जमीन पर रैली की अनुमति जिलाधिकारी ने दी है। दलितों का कहना है कि रैली के लिए उनसे अनुमति ली जाए। जहां रैली होनी है, वहां दलितों के आवास होने का दावा किया गया था।
उधर, मद्रास यूनिवर्सिटी के छात्रों ने यूनिवर्सिटी के परिसर में शुक्रवार को एक समारोह के आयोजन की इजाजत दिए जाने का विरोध किया था जिसमें भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी हिस्सा लेंगे। मोदी को मद्रास यूनिवर्सिटी के सेंटेनरी ऑडिटोरियम में `ननी पालखीवाला स्मारक व्याख्यान 2013` देना है। इस मौके पर वह भाजपा नेता अरुण शौरी की किताब `सेल्फ डिसेप्शन : इंडिया चाइना पोलिसीज` का लोकार्पण भी करेंगे।
मोदी की सुरक्षा के नाम पर पुलिस द्वारा परेशान करने का आरोप लगाते हुए छात्रों ने कार्यक्रम की इजाजत दिए जाने के विरोध में नारे लगाए। इससे पूर्व यह कार्यक्रम डॉ. राधाकृष्णन मार्ग पर म्यूजिक अकेडमी में होने वाला था, लेकिन बाद में सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए इसके आयोजन का स्थान बदलकर यूनिवर्सिटी का सेंटेनरी ऑडिटोरियम कर दिया गया।
First Published: Friday, October 18, 2013, 10:33