पित्रोदा की सिफारिश, प्रसार भारती को मिले स्वायत्तता

पित्रोदा की सिफारिश, प्रसार भारती को मिले स्वायत्तता

नई दिल्ली : सरकार की ओर से गठित एक समिति ने कहा है कि प्रसार भारती वाकई उतना स्वायत्त नहीं है जितना उसे होना चाहिए। समिति ने 1990 के अधिनियम में संशोधन की सिफारिश की है ताकि सार्वजनिक प्रसारक को प्रशासनिक और वित्तीय शक्तियों में प्रभावी स्वतंत्रता दी जा सके।

तकनीक विशेषज्ञ सैम पित्रोदा की अध्यक्षता वाली समिति ने प्रसार भारती के लिए वित्तपोषण का तंत्र विकसित करने का सुझाव दिया है ताकि वित्तीय जवाबदेही के साथ स्वायत्तता की आवश्यकताओं का निराकरण किया जा सके।

उसने संगठन को बगैर सरकारी मंजूरी की जरूरत के अपने कर्मचारियों के लिए नियम और नियमनों को तैयार करने की शक्तियां देने की भी मांग की है क्योंकि उसने सरकारी कर्मचारियों को प्रसार भारती के पूर्णकालिक कर्मचारी के तौर पर समाहित कर लेने और कुशल पेशेवरों को रखने की अनुशंसा की है।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी को आज सौंपी गई रिपोर्ट में ‘‘प्रसार भारती अधिनियम 1990 में संशोधन करने की अनुशंसा की गई है ताकि संगठन को सही और कारगर स्वायत्तता मुहैया कराई जा सके।’’ उसने प्रसार भारती बोर्ड के पुनर्गठन का भी आह्वान किया ताकि संगठन का कारगर मार्गदर्शन करने के लिए इसे पेशेवर रूप से चलाया जाने वाला संगठन बनाया जा सके। (एजेंसी)

First Published: Friday, January 24, 2014, 20:17

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