Last Updated: Monday, March 3, 2014, 15:58

ने प्यी ताओ : भारत की लुक ईस्ट (पूर्वोन्मुख) नीति को प्रोत्साहित करने के लिए और सभी पूर्वोत्तर राज्यों के साथ संपर्क, यातायात, व्यापार, पर्यटन व अन्य संबंधों को बढ़ावा देने के तरीके तलाशने के उद्देश्य के साथ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह बीआईएमएसटीईसी (बिम्सटेक) सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए सोमवार को म्यांमा पहुंच गए।
इस दो दिवसीय सम्मेलन में शामिल होने के लिए सिंह के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार शिवशंकर मेनन भी गए हैं। सिंह लगभग दो साल के अंतराल के बाद म्यांमा की यात्रा पर गए हैं।
नई दिल्ली से रवाना होने से पहले जारी बयान में सिंह ने कहा, ‘सुरक्षा की चुनौतियां चाहे प्राकृतिक हों या मानव निर्मित, दोनों से ही उबरने के लिए साझे नजरिए व संकल्प की जरूरत होती है।’ एक प्रधानमंत्री के रूप में सिंह के लिए यह अंतिम विदेश यात्रा हो सकती है।
बिम्सटेक भारत की 1990 के दशक की पूर्वोन्मुख नीति का प्रतीक है, जो कि थाईलैंड की पश्चिमोन्मुख नीति के समतुल्य है।
बिम्सटेक के सात सदस्य- भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका, थाईलैंड, म्यांमा, भूटान और नेपाल विश्व की कुल जनसंख्या में 20 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखते हैं। यह जनसंख्या लगभग डेढ़ अरब है और इन सदस्य देशों का सकल घरेलू उत्पाद 2,500 अरब से अधिक है। सिंह ने कहा कि बिम्सटेक दक्षेस और आसियान देशों के दोराहे में पड़ता है और यह अपनी ऊर्जा बंगाल की खाड़ी के आसपास बसे देशों से प्राप्त करता है।
उन्होंने कहा, ‘सुरक्षा परिदृश्य में, हम क्षेत्रीय दृष्टिकोण से लेकर अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद, सीमापार अपराध, नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए कानूनी उपायों और आपराधिक मामलों में आपसी कानूनी मदद को समर्थ बनाते रहे हैं। आज के एकीकृत विश्व के लिए यह पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गया है।’ उन्होंने कहा, ‘आपसी संपर्क और निवेश, ऊर्जा, जलवायु, पर्यटन, कृषि व अन्य क्षेत्रों में उप-क्षेत्रीय सहयोग से हमारे क्षेत्र के विकास के ईंजन को गति मिलती है।’
सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि एशिया के एकीकृत स्वरूप में आगे बढ़ने के लिए बिम्सटेक देशों में शांति, स्थायित्व और विकास ‘अनिवार्य’ है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2008 में नई दिल्ली में हुए पिछले सम्मेलन के बाद से बिम्सटेक एक समूह के रूप में विकसित और परिपक्व हुआ है। सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि बिमस्टेक देशों के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंध दुनिया में सर्वाधिक महत्वपूर्ण संबंधों में से हैं।
उन्होंने कहा कि क्षेत्र में कई बिमस्टेक केंद्रों की शुरूआत की जा रही है जिनमें से तीन भारत में हैं। यह शुरूआत सदस्य देशों के बीच तेजी से व्यापक तकनीकी आदान प्रदान के लिए की जा रही है। बीआईएमएसईईसी फ्री ट्रेड एरिया के लिए एक रूपरेखा करार पर फरवरी 2004 में थाइलैंड के फुकेट में हस्ताक्षर हुए थे। इस करार के तहत सभी पक्ष सामान, सेवाओं और निवेश में एफटीए पर बातचीत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
सिंह से वहां विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद और विदेश सचिव सुजाता सिंह मिलेंगे जो वहां पहले से ही हैं। इस यात्रा के दौरान सिंह की श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और अन्य नेताओं के साथ द्विपक्षीय मुलाकात होगी। (एजेंसी)
First Published: Monday, March 3, 2014, 15:58