Last Updated: Monday, November 4, 2013, 23:44
नई दिल्ली : श्रीलंका में होने वाले चोगम सम्मेलन में भाग लेने जाने के संबंध में अंतिम फैसला कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर छोड़ा है। देश में जातीय तमिलों के खिलाफ हुए नृसंश व्यवहार के आरोपों के मद्देनजर प्रधानमंत्री के वहां जाने का विरोध हो रहा है।
सवालों की बौछार के बीच पार्टी प्रवक्ता मीम अफजल ने कहा, ‘‘सलाह के बाद प्रधानमंत्री निर्णय लेंगें। हम बस यूं ही अपना विचार नहीं रखते। यह उचित नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह संवेदनशील मुद्दा है। ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर कांग्रेस पार्टी का रुख सरकार की सलाह के बाद ही बनता है। इसमें सरकार का जो भी विचार होगा वही विचार हमारा होगा।’’
आज हुई कैबिनेट की बैठक में और दो मंत्रियों ने प्रधानमंत्री के चोगम में भाग लेने के खिलाफ आवाज उठायी है। श्रीलंका में जातीय तमिलों के खिलाफ हुए नृशंस व्यवहार के आरोपों के मद्देनजर प्रधानमंत्री के वहां चोगम सम्मेलन में जाने का विरोध हो रहा है।
कैबिनेट मंत्री जी. के. वासन के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री वी. नारायणसामी तथा पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन ने भी स्पष्ट रूप से प्रधानमंत्री के श्रीलंका जाने का विरोध किया है।
हालांकि इसी वक्त अन्य मंत्रियों से उलट तमिलनाडु के नेता व राज्य वाणिज्य मंत्री एस. नात्चीपन्न का विचार है कि प्रधानमंत्री को श्रीलंकाई तमिलों की भलाई के लिए चोगम में अवश्य जाना चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Monday, November 4, 2013, 23:44