Last Updated: Friday, November 15, 2013, 17:42

वाशिंगटन : विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा है कि श्रीलंका के खिलाफ लंबित मुद्दों से जुड़ी भावनाओं और पांच राज्यों में चुनाव जैसी घरेलू विवशताओं के कारण प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राष्ट्रमंडल शासनाध्यक्षों की शिखर बैठक (चोगम) से दूर रहने का फैसला किया।
खुर्शीद ने सीएनएन को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘मेरा मानना है कि बहुत सारी चीजों पर गौर किया गया है।’’ उनसे प्रधानमंत्री के चोगम में शामिल नहीं होने की वजह के बारे में सवाल किया गया था।
उन्होंने प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति की वजहों का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘हमारे यहां पांच राज्यों में महत्वपूर्ण चुनाव हो रहे हैं। ये चुनाव अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले के आखिरी चुनाव हैं। हम सुधार सहित कुछ बहुत निर्णायक आर्थिक मुद्दों को निवारण कर रहे हैं। कुछ मुद्दे संसद के आगामी सत्र में भी आने हैं।’’
विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर देश में श्रीलंका के साथ कुछ लंबित मुद्दों को लेकर भावनाएं व्याप्त हैं। इनमें मुख्य तौर पर (श्रीलंका में) युद्ध की समाप्ति के बाद पुनर्वास और पुनर्निर्माण कार्य से संबंधित मुद्दे शामिल हैं।’’
चोगम में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे खुर्शीद ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि उन्होंने (प्रधानमंत्री) चीजों पर संपूर्ण रूप से गौर किया और फिर चोगम में खुद शामिल नहीं होकर देश के विदेश मंत्री को भेजने का फैसला किया। इसलिए मैं यहां हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘श्रीलंका में पिछले 27 वर्षों के दौरान जो कुछ हुआ उसे कोई नजरअंदाज नहीं कर सकता। हम भी इस त्रासदी से पीड़ित हुए हैं। परंतु हमें आगे बढ़ने की जरूरत है।’’
खुर्शीद ने कहा, ‘‘इसी भावना के साथ हर किसी को यह रुख अख्तियार करना होगा कि सारी चीजों को भूला और माफ नहीं किया जा सकता, लेकिन सच और सुलह के स्तर पर समाधान निकाला जा सकता है।’’ (एजेंसी)
First Published: Friday, November 15, 2013, 17:42