Last Updated: Monday, June 9, 2014, 15:45

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने चुनावी प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से आज ऐसी गर्मजोशी से मिले कि सभी की निगाहें इन दोनों पर ही थमी रह गयीं। मौका था संसद के केंद्रीय कक्ष में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को राष्ट्रपति द्वारा संबोधित किए जाने का।
अभिभाषण की समाप्ति के बाद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को विदा करने के लिए जाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब राष्ट्रपति के पीछे चलते हुए केंद्रीय कक्ष के बाहरी दरवाजे की ओर बढ़ रहे थे तो बीच के गलियारे की पंक्ति में राहुल गांधी खड़े थे।
राहुल गांधी को देखते ही मोदी ने बड़ी गर्मजोशी से उनका हाथ दबाया और दोनों ने एक दूसरे का अभिवादन किया। चुनावी कड़वाहट के बाद यह अपने आप में एक ऐसा अद्भुत नजारा था कि आसपास मौजूद सभी सांसद एकटक दोनों को इतनी गर्मजोशी से एक दूसरे का अभिवादन करते हुए देखते रहे।
इससे पूर्व अभिभाषण के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सबसे अग्रिम पंक्ति में वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी के बगल वाली सीट पर बैठी थीं और दोनों नेताओं को आपस में बीच-बीच में चर्चा करते देखा गया।
इससे पूर्व आज अभिभाषण की शुरूआत से पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज राजनयिकों के लिए निर्धारित स्थल पर जाकर विदेशी राजनयिकों से जाकर मिलीं।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जैसे ही अग्रिम पंक्ति की ओर आए वहां मौजूद वित्त मंत्री अरूण जेटली, आडवाणी, सोनिया गांधी तथा पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा, खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर ने अपने स्थान पर खड़े होकर हाथ जोड़कर उनका अभिवादन किया।
चंदन मित्रा, बाबुल सुप्रियो तथा मनोज तिवारी समेत कई सदस्यों को खचाखच भरे केंद्रीय कक्ष में बैठने की जगह नहीं मिल पायी और उन्होंने खड़े होकर ही राष्ट्रपति का करीब घंटे भर का अभिभाषण सुना।
राष्ट्रपति मुखर्जी द्वारा अपने अभिभाषण में कश्मीरी पंडितों की अपने पूर्वजों की भूमि पर पूर्ण गरिमा , सुरक्षा और सुनिश्चित आजीविका के साथ वापसी के प्रयास किए जाने की बात कहे जाने पर सबसे अधिक तालियां बजीं। सोनिया गांधी ने भी मेज थपथपाकर इस घोषणा का स्वागत किया।
इसके अलावा 1915 में भारत के महानतम प्रवासी महात्मा गांधी के भारत लौटने का जिक्र किए जाने पर भी सोनिया गांधी तथा कक्ष में मौजूद लगभग सभी सदस्यों ने जोरदार तरीके से मेजें थपथपाकर स्वागत किया।
अभिभाषण में महिलाओं के प्रति हिंसा को कतई बर्दाश्त नहीं करने और लोकसभा तथा विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण सुनिश्चित किए जाने, ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ तथा गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाए जाने का जिक्र आने पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी तथा लालकृष्ण आडवाणी ने मेजें थपथपाकर इसका स्वागत किया।
इससे पहले राष्ट्रपति मुखर्जी के संसद के केन्द्रीय कक्ष में परंपरागत ढंग से पहुंचने पर उनकी उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, संसदीय कार्य मंत्री तथा दोनों सदनों के महासचिवों ने अगवानी की।
राष्ट्रपति ने सभी सदस्यों का हाथ जोड़कर अभिवादन करते हुए केन्द्रीय कक्ष में प्रवेश किया। अभिभाषण के दौरान राष्ट्रपति ने एक स्थिर गति के साथ अपना अभिभाषण अंग्रेजी में पढ़ा। कई बार सदस्यों द्वारा मेजें थपथपाये जाने पर उन्होंने अपने अभिभाषण को कुछ क्षणों का विराम दिया और फिर उसी समान रफ्तार से भाषण जारी रखा।
राष्ट्रपति को अपना अभिभाषण पढ़ने में लगभग एक घंटे का समय लगा। अभिभाषण के बाद उपराष्ट्रपति अंसारी ने इसका प्रथम और अंतिम पैरा हिन्दी में पढ़ा तथा शेष अभिभाषण को पढ़ा मान लिया गया।
केन्द्रीय कक्ष की अग्रिम पंक्ति में शिवसेना के अनंत गीते, शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर सहित राजग के घटक दलों के नेता भी बैठे थे।
अभिभाषण के दौरान आज राकांपा प्रमुख शरद पवार, सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव, कई प्रमुख दलों के नेता दूसरी पंक्ति की सीटों पर बैठे दिखे।
पीछे की पंक्तियों में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा और जयराम रमेश के साथ बैठे हुए थे। रमेश अभिभाषण के दौरान काफी समय तक कागज पर कुछ नोट करते हुए दिखे और बाद में उन्हें राहुल से भी कुछ बातचीत करते हुए देखा गया।
(एजेंसी)
First Published: Monday, June 9, 2014, 15:28