पीएम कोयला घोटाले की जिम्मेवारी लें, इस्तीफा दें: बीजेपी । PM should take the responsibility of the coal scam, should quit: BJP

पीएम कोयला घोटाले की जिम्मेवारी लें, इस्तीफा दें: बीजेपी

पीएम कोयला घोटाले की जिम्मेवारी लें, इस्तीफा दें: बीजेपी नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री कोयला घोटाला की जिम्मेवारी लें। इसके साथ ही पार्टी ने प्रधानमंत्री से इस्तीफे की भी मांग की।

भाजपा पूर्व कोयला सचिव पी.सी. पारेख के बयान पर प्रतिक्रिया दे रही थी। पारख ने कहा था कि कोयला ब्लॉक आवंटन का फैसला प्रधानमंत्री का था, जिस पर केंद्रीय जांच ब्यूरो ने प्राथमिकी दर्ज की है। भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कांग्रेस प्रधानमंत्री को बचाने की कोशिश कर रही है। इस पर कांग्रेस ने भाजपा को संयम बरतने की नसीहत दी।

जावड़ेकर ने बुधवार को सबेरे कहा था कि सच्चाई यह है कि कोयला घोटला जब हुआ तब कोयला मंत्रालय की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री के पास थी। इसलिए हर कोयला आवंटन उनके हस्ताक्षर से हुआ, इसलिए उन्हें जिम्मेदारी लेनी चाहिए। जावड़ेकर ने कहा कि कांग्रेस तथ्यों को दबाने की कोशिश कर रही है और प्रधानमंत्री को बचाने की कोशिश कर रही है। यह पूरी तरह से घोटाला है और कांग्रेस यह विश्वास दिलाना चाहती है कि उन्होंने इसे (कोयला ब्लॉक) मुफ्त दिया है।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 2005 में ओडिशा में दो कोयला ब्लॉक आवंटन में कथित अनियमितता और आपराधिक षड्यंत्र के आरोप में पारख और उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला के खिलाफ मंगलवार को एफआईआर दर्ज किया है। पारेख ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दो कोयला ब्लॉक आवंटन करने का फैसला किया था और सचमुच यदि कोई षड़यंत्र हुआ है, तो प्रधानमंत्री जो तब कोयला मंत्री थे, समान रूप से शामिल हैं।

पारेख ने एक निजी समाचार चैनल से कहा कि मुझे समझ में नहीं आ रहा कि आखिर क्यों सीबीआई ऐसा सोचती है कि बिड़ला और मैंने षड़यंत्र किया और जिस व्यक्ति ने फैसला किया, वह उस षड़यंत्र में शामिल नहीं है। यदि कोई षड़यंत्र हुआ, तो सभी षड़यंत्र में शामिल था। यदि हम आरोपी हैं, तो प्रधानमंत्री भी षड़यंत्र में उतना ही शामिल हैं।

जावड़ेकर ने कहा कि पूर्व कोयला सचिव पी.सी. पारेख के विरुद्ध प्राथमिकी नौकरशाही को डराने का तरीका है। उन्होंने कहा कि समय आ गया है जब नौकरशाही को गलत चीजों के खिलाफ बोलना चाहिए। जावड़ेकर ने कहा कि पारेख ने पहले कैबिनेट नोट तैयार कर नीलामी का सुझाव दिया था। यदि उनके रास्ते को अपनाया जाता तो घोटाला नहीं होता।

उन्होंने कहा कि सुझाव को जानबूझ कर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया ताकि मनमर्जी से कोयला ब्लॉक का आवंटन किया जा सके। भाजपा ने आरोप लगाया कि 50 लाख करोड़ रुपये के 17 अरब टन के कोयला भंडारों का आवंटन 2006-09 में 140 निजी कंपनियों को मुफ्त किया गया। जावड़ेकर ने कहा कि न तो राजस्व का लाभ हुआ, न ही उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली का लाभ मिला। लगता है सिर्फ सत्ताधारी पार्टी को ही लाभ मिला है। उन्होंने कहा कि पहले सर्वोच्च न्यायालय ने भी दस्तावेज गुम होने, आवंटन में सावधानी नहीं बरतने और जांच समिति की बैठकों में हुई चर्चा का ब्यौरा नहीं रखने के लिए सरकार को फटकार लगाई है।

जावड़ेकर ने कहा कि भाजपा प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग दुहराती है, क्योंकि सभी सवालों के लिए अंतिम रूप से जवाबदेह वही हैं। एक अन्य भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि उन्हें पारेख के बयान पर आश्चर्य नहीं है। उन्होंने पारेख से कहा कि वह इस बात की पूरी जानकारी दें कि कोयला दस्तावेज को कैसे खारिज किया गया। उधर सूचना प्रसारण मंत्री तिवारी ने कहा कि भाजपा से गैर जिम्मेवारी के अलावा और किसी भी चीज की उम्मीद करना वैसा ही है, जैसे सूर्य से पूर्व की जगह पश्चिम में उगने की उम्मीद करना। तिवारी ने कहा कि जिम्मेवारी और शिष्टाचार की मांग है कि जब सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में जांच चल रही हो, तो लोगों को कुछ भी कहने से बचना चाहिए। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, October 16, 2013, 22:38

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