पीएम, सोनिया ने धर्म-जाति के आधार पर बांटने के खतरों के प्रति किया आगाह

पीएम, सोनिया ने धर्म-जाति के आधार पर बांटने के खतरों के प्रति किया आगाह

पीएम, सोनिया ने धर्म-जाति के आधार पर बांटने के खतरों के प्रति किया आगाहनई दिल्ली : मुजफ्फरनगर दंगों के परोक्ष संदर्भ में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि देश के कुछ हिस्सों में धर्म, जाति और समुदाय के आधार पर समाज को बांटने की कोशिश की जा रही है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी बिना नाम लिये आरएसएस और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ विचारधाराओं, संगठनों एवं लोगों से खतरा है जो हमे बांटना चाहते हैं।

ये दोनों नेता गुरुवार को यहां इंदिरा गांधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस वर्ष का यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक एम.एस. स्वामीनाथन को दिया गया है। इस मौके पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि इंदिरा गांधी द्वारा दिखाये गये रास्ते का अनुसरण किये जाने की आवश्यकता है। आज देश के कुछ हिस्सों में धर्म, जाति और समुदाय के आधार पर समाज को बांटने के प्रयास किये जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यह कहना गलत नहीं होगा कि इंदिरा गांधी के नेतृत्व और डॉ. स्वामीनाथन की अथक मेहनत की वजह से ही भारत में हरित क्रांति आयी और उसी की बुनियाद पर आगे काम करके आज हम खाद्य सुरक्षा कानून लागू कर पाये हैं।

सोनिया गांधी ने अपने संबोधन में कहा कि हमने हमेशा राष्ट्रीय एकता को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा है। कुछ विचारधाराओं, संगठनों एवं लोगों से हमेशा खतरा रहा है जो हमे बांटना चाहते हैं। हमें इंदिरा गांधी के साहस और उनकी भावनाओं को याद करने की जरूरत है ताकि हम उस भय से पूरे विश्वास के साथ मुकाबला कर सकें।

सोनिया ने 60 के दशक के कठिन वक्त का जिक्र किया जब भारत पर खाद्यान्न का संकट था और उसे विदेशों से अनाज आयात करना पड़ता था। सोनिया ने कृषि के क्षेत्र में भारत को आत्म निर्भर बनाने में इंदिरा गांधी के प्रयासों और डा स्वामीनाथन की भूमिका की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि उस वक्त भी लोग थे जो अलोचना करते थे और दोष निकालते थे और ऐसे लोग थे जिनको भरोसा नहीं था। लेकिन इस सबके बावजूद यह अच्छे तरीके से हासिल हुआ। उन्होंने कहा कि जब ज्यादातर राज्य अकाल का सामना कर रहे थे, इंदिरा गांधी ने खाद्यान्न के मामले में आत्म निर्भरता का संकल्प लिया था।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आम जनता के सामाजिक और आर्थिक विकास में पूर्व प्रधानमंत्री के योगदान को याद करते हुए कहा कि वह हमेशा आर्थिक विकास का फायदा आम आदमी तक और खास तौर पर कमजोर तबकों तक पहुंचाना चाहती थीं।

प्रधानमंत्री ने 28वें इंदिरा गांधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार के लिए डा स्वामीनाथन को बधाई देते हुए कहा कि उनकी उपलब्धियों के बारे में जितना कहा जाये कम होगा। हरित क्रांति में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। उनमें अनोखी वैज्ञानिक और प्रशासनिक काबिलियत है जिसका पूरा फायदा हमारे देश के किसानों को मिला है। (एजेंसी)

First Published: Thursday, October 31, 2013, 20:22

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