सीमांध्र से बिजली गायब; तेलंगाना पर जीओएम का पुनर्गठन, राष्ट्रपति शासन की संभावना से इनकार । power crisis in seemandhra; GOM on Telangana restructured, shinde refused President rule in andhra

सीमांध्र से बिजली गायब; तेलंगाना पर जीओएम का पुनर्गठन, राष्ट्रपति शासन की संभावना से इनकार

सीमांध्र से बिजली गायब; तेलंगाना पर जीओएम का पुनर्गठन, राष्ट्रपति शासन की संभावना से इनकारज़ी मीडिया ब्‍यूरो

हैदराबाद/नई दिल्ली : केंद्र सरकार के तेलंगाना राज्य गठित करने के निर्णय के खिलाफ आंध्र प्रदेश में विरोध प्रदर्शनों का दौर तीसरे दिन भी जारी है। राज्य विद्युत विभाग के कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण राज्य के अधिकांश हिस्सों से लगातार तीसरे दिन भी बिजली गायब रही। इसके चलते कई रेलगाड़ियां रद्द करनी पड़ीं। आंध्र प्रदेश में विद्युत कर्मचारियों की संयुक्त कार्य समिति (जेएसी) और राज्य सरकार के बीच बातचीत विफल रहने के कारण कर्मचारियों की हड़ताल जारी रहेगी।

उधर, राज्य में व्यवस्था के पूरी तरह ठप्प पड़ जाने के बावजूद केंद्र सरकार ने मंगलवार को आंध्र प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की बात से इनकार किया। वहीं, तेलंगाना पर 10 सदस्यीय मंत्री समूह के गठन के दो दिन बाद सरकार ने आज इस उच्चस्तरीय मंत्री समूह का पुनर्गठन किया। समूह में रक्षा मंत्री एके एंटनी को लाया गया है जबकि मानव संसाधन विकास मंत्री एमएम पल्लम राजू को हटाया गया है। मंत्री समूह में अब 7 सदस्य होंगे।

केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने नई दिल्ली में पत्रकारों से कहा कि आंध्र प्रदेश में अभी राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की कोई योजना नहीं है। हिंसा प्रभावित सीमांध्र में प्रदर्शन जारी रहने के बीच केंद्र ने इस संभावना से इंकार किया कि आंध्र प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाया जाएगा। केन्द्र सरकार ने संकेत दिया है कि बिजली कटने की स्थिति यदि गंभीर होती है तो आवश्यक सेवाओं और परिवहन बाधित होने के मद्देनजर एस्मा लगाया जा सकता है।

तेलगू देशम पार्टी (तेदेपा) के अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू ने जहां दिल्ली में आंध्र विभाजन के विरोध में अपना अनशन दूसरे दिन मंगलवार को भी जारी रखा, वहीं वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष वाई. एस. जगनमोहन रेड्डी भी हैदराबाद में लगातार चौथे दिन भूख हड़ताल पर बैठे रहे।

दूसरी तरफ आंध्र प्रदेश को विभाजित कर पृथक तेलंगाना राज्य गठित करने का प्रस्ताव लाने वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की नेतृत्वकर्ता पार्टी कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने चंद्रबाबू नायडू और जगन द्वारा तेलंगाना गठित करने का समर्थन करने वाली कांग्रेस को भेजी चिट्ठी मीडिया के सामने पेश की। तटीय आंध्र प्रदेश और रायलसीमा (सीमांध्र) में छह लाख सरकारी कर्मचारियों एवं शिक्षकों के लगातार हड़ताल पर बने रहने के कारण राज्य में सार्वजनिक व्यवस्था जैसे ठप्प पड़ गई और सभी सरकारी स्कूल बंद रहे। राज्य कर्मचारी 12 अगस्त से ही आंध्र प्रदेश के विभाजन के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।

राज्य सरकार की सड़क परिवहन निगम द्वारा संचालित बसें भी लगभग दो महीने से सड़कों पर नहीं उतर सकी हैं। आंध्र विभाजन के प्रस्ताव के खिलाफ सीमांध्र में विरोध प्रदर्शन जारी है। राज्य कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों ने केंद्र सरकार के कार्यालयों एवं राष्ट्रीयकृत बैंकों के बाहर धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने केंद्रीय एवं राज्य मंत्रियों, सांसदों एवं विधानसभा सदस्यों तक पहुंच मार्ग को भी अवरुद्ध करने का प्रयास किया, और राज्य को अविभाजित रखने की मांग करते हुए उनके इस्तीफे की मांग की।

राज्य के विजयनगरम में चार दिन पहले अनिश्चतकाल के लिए लगाए गए कर्फ्यू में मंगलवार सुबह एक घंटे की ढील दी गई। इस दौरान किसी तरह की अप्रिय घटना की खबर नहीं आई। विद्युत आपूर्ति ठप रहने के कारण आंध्र प्रदेश में लगातार तीसरे दिन रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित रहा और अधिकांश रेलगाड़ियां रद्द करनी पड़ीं। विशाखापटनम से निकलने वाली कुछ एक्सप्रेस रेलगाड़ियों सहित लगभग 20 रेलगाड़ियां रद्द की गई हैं। उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश में विशाखापटनम और विजयनगरम के बीच रेलगाड़ियां हड़ताल से सबसे अधिक प्रभावित हुई हैं। कई रेलगाडि़यां अलग-अलग स्टेशनों पर रुकी हुई हैं, जिससे यात्रियों को परेशानी हो रही है। विद्युत आपूर्ति न होने के कारण राज्य की औद्योगिकी इकाइयों में उत्पादन ठप रहा, मोबाइल की बैटरी खत्म हो जाने के कारण राज्यवासियों का देश के दूसरे हिस्सों से संबंध कटा रहा और अनेक नगरों में लोग एटीएम मशीनों से रुपये निकालने तक में असमर्थ रहे।

प्रदेशवासियों को हो रही मुश्किलातों को देखते हुए मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी ने विद्युत कर्मचारियों से काम पर लौटने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने विद्युत कर्मचारी संघ की संयुक्त कार्यवाही समिति को बातचीत के लिए बुधवार को आमंत्रित किया है। लेकिन विद्युत कर्मचारियों ने केंद्र सरकार द्वारा आंध्र प्रदेश के विभाजन के फैसले को वापस न लिए जाने तक हड़ताल जारी रखने की बात कही।

वहीं, अनिश्चितकालीन हडताल समाप्त कराने के लिए बिजली कर्मचारी संयुक्त कार्यसमिति और राज्य सरकार के बीच बातचीत बेनतीजा रही। मुख्यमंत्री एन किरन कुमार रेड्डी संयुक्त कार्य समिति के साथ एक दौर और वार्ता करेंगे ताकि गतिरोध समाप्त किया जा सके। तटीय आंध्र और रायलसीमा के बडे हिस्से में बिजली संकट चल रहा है। राज्य के बंटवारे के विरोध में बिजली कर्मचारियों के हडताल पर जाने की वजह से ऐसा हुआ ।

खबरों के मुताबिक बिजली जाने से अस्पताल सेवाओं पर बुरा असर पडा है जबकि सीमांध्र क्षेत्र के हवाई अडडे ‘बैक अप’ प्रणाली पर काम कर रहे हैं। खबर है कि सबसे बुरा असर ट्रेन परिचालन पर पड़ा है, जिससे पूर्वी तटीय रेलवे को मजबूरन महत्वपूर्ण ट्रेनों को या तो निरस्त करना पड़ा या पुनर्निर्धारित करना पड़ा।

पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के विरोध में सीमांध्र क्षेत्र में प्रदर्शन जारी रहने के परिप्रेक्ष्य में गृह मंत्री सुशील कुमार शिन्दे ने आंध्र प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की संभावना से इंकार किया है। शिन्दे ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि आंध्र प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की किसी योजना पर विचार नहीं किया जा रहा है। आज की कैबिनेट बैठक में इस तरह की कोई चर्चा नहीं हुई। उन्होंने कहा कि सीमांध्र में बडे पैमाने पर विरोध प्रदर्शन केन्द्र के लिए गंभीर चिन्ता का विषय है।

वहीं, कर्मचारियों से हड़ताल समाप्त करने की अपील करते हुए राज्य कांग्रेस अध्यक्ष बी सत्यनारायण ने कहा कि वह केन्द्र को पत्र लिखकर कहेंगे कि इस मुद्दे का समाधान खोजने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलायी जाए। संयुक्त कार्यसमिति के अध्यक्ष साईबाबू ने मुख्यमंत्री के शिविर कार्यालय से बाहर निकलकर हैदराबाद में संवाददाताओं से कहा कि विभिन्न मुद्दों पर स्थिति स्पष्ट नहीं है। हम बातचीत के लिए फिर आएंगे।

आंध्र प्रदेश बिजली उत्पादन निगम, आंध्र प्रदेश बिजली पारेषण निगम, आंध्र प्रदेश दक्षिणी बिजली वितरण कंपनी और आंध्र प्रदेश पूर्वी बिजली वितरण कंपनी के 30 हजार से अधिक कर्मचारी कल से अनिश्चितकालीन हडताल पर चले गए। उनकी मांग है कि केन्द्र सरकार आंध्र प्रदेश को विभाजित करने का फैसला तत्काल वापस ले। हड़ताल के कारण तटीय आंध्र और रायलसीमा जिलों में बिजली गुल हो गई और हैदराबाद शहर की बिजली आपूर्ति पर असर पड़ा। हड़ताल से दक्षिणी बिजली ग्रिड पर असर पडने की आशंका है और इससे सभी दक्षिणी राज्यों में अंधेरा छा सकता है। आंध्र प्रदेश सरकार ने बिजली कर्मचारी संयुक्त कार्रवाई समिति के नेताओं को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। कर्मचारियों के मुद्दे पर कैबिनेट की उपसमिति ने संयुक्त कार्यसमिति से बातचीत की है। उपसमिति में आंध्र प्रदेश के वित्त मंत्री अनम रामनारायण शामिल हैं। मुख्य सचिव पीके मोहंती और आंध्र प्रदेश उर्जा विभाग के अधिकारी भी बैठक में शामिल हुए।

संयुक्त कार्यसमिति ठोस आश्वासन चाहती है कि आंध्र प्रदेश को एकजुट रखा जाएगा लेकिन राज्य सरकार ने बेबसी व्यक्त की है। विजयनगरम में कर्फ्यू में आज सुबह चार घंटे के लिए ढील दी गई। हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में सामान्य स्थिति बहाल होते देख ऐसा किया गया। कर्फ्यू में ढील की अवधि के दौरान कड़ी निगरानी रखी गई।

विजयनगरम के पुलिस उप महानिरीक्षक पी. उमापति ने बताया कि सुबह 7-8 बजे से कर्फ्यू में ढील दी गई ताकि लोग दूध और पेट्रोल जैसी आवश्यक वस्तुएं खरीद सकें। उन्होंने कहा कि स्थिति शांतिपूर्ण है और अब नियंत्रण है क्योंकि कल से हिंसा की ताजा घटना नहीं हुई है।

First Published: Tuesday, October 8, 2013, 23:10

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